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सीधी के सोन पुल पर खतरनाक दरारें, केवल यात्री बसों पर रोक, दौड़ रहे अन्य वाहन, प्रशासन मौन

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सीधी जिले में सोन नदी पर बना जोगदाहा घाट का पुल खतरनाक स्थिति में है. प्रशासन ने इस पुल पर से यात्री बसों के गुजरने पर रोक लगा दी है, लेकिन छोटे वाहन बेरोकटोक गुजर रहे हैं. दूसरी तरफ नए पुल का निर्माण धीमी गति से हो रहा है, जिससे आम लोगों के साथ यात्रियों को असुविधा हो रही है. पुल को लेकर हादसे का अंदेशा बना रहता है. आइए जानते हैं क्‍या है पूरा मामला.

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सीधी के सोन पुल पर खतरनाक दरारें, केवल यात्री बसों पर रोक, प्रशासन मौनसीधी में जोगदाहा घाट का पुल जानलेवा हो सकता है.
सीधी : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में सोन नदी पर बना बरसों पुराना जोगदाहा घाट का पुल यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. वर्ष 2022 से इस पुल पर यात्री बसों के आवागमन पर सुरक्षा कारणों से रोक लगा दी गई है, क्योंकि पुल में कई जगह खतरनाक दरारें आ गई हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव के चलते जिला प्रशासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद यात्री बसों को छोड़कर सभी टैक्सी, ऑटो और अन्य छोटे वाहन इस जर्जर पुल से आज भी बेरोकटोक गुजर रहे हैं, जिससे किसी भी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है.

सीधी जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित इस पुल पर पहले सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई थी. हालांकि, बाद में नियमों को ताक पर रखकर सिर्फ यात्री बसों को रोक दिया गया, जबकि अन्य छोटे वाहन जिनमें क्षमता से अधिक यात्री और सामान लदा होता है, धड़ल्ले से पुल पार कर रहे हैं. पुल के प्रवेश द्वार पर आज भी जिला कलेक्टर का निषेधाज्ञा का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन इसका कोई असर छोटे वाहन चालकों पर दिखाई नहीं देता.
इस लापरवाही का खामियाजा सिंगरौली, सीधी, मऊगंज और उत्तर प्रदेश तक के यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. यात्री बसों को पुल के इस पार ही रोक दिया जाता है, और उन्हें 50 से 60 किलोमीटर का लंबा वैकल्पिक मार्ग अपनाना पड़ता है. वहीं, जिन यात्रियों को तत्काल दूसरी तरफ जाना होता है, वे ऑटो और टैक्सियों में दोगुना किराया देकर अपनी जान जोखिम में डालकर जर्जर पुल पार करने को मजबूर हैं.
सिंगरौली से उत्तर प्रदेश के हनुमान जा रहे यात्रियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि बसें पुल के पास ही खड़ी हो जाती हैं, जिसके कारण उन्हें ऑटो से पुल पार करना पड़ता है और फिर दूसरी तरफ वाहन पकड़ना पड़ता है. एक महिला यात्री ने मीडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगाई है कि सोन नदी पर बन रहे नए पुल के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि उनकी परेशानी दूर हो सके. अन्य यात्रियों का भी कहना है कि विकास के इस दौर में उन्हें ऐसी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जबकि वैकल्पिक मार्ग पहले से तैयार होना चाहिए था.
सोन नदी पर बन रहे नए पुल का निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है. लगभग 60 फीसदी काम पूरा होने के बावजूद, इसके चालू होने में अभी काफी समय लगने की संभावना है. ऐसे में स्थानीय लोगों और यात्रियों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि नए पुल के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जाए और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए. बहरी अमिलिया मार्ग पर स्थित यह सोन नदी पुल सीधी जिले को सिंगरौली और आसपास के इलाकों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मऊगंज और हनुमान जैसे महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ता था. पुल के जर्जर होने और बसों की आवाजाही बंद होने से इस क्षेत्र के हजारों लोगों को भारी असुविधा हो रही है, जबकि नियमों की अनदेखी कर जर्जर पुल से गुजर रहे अन्य वाहन कभी भी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं. प्रशासन की इस लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं और लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
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