अरबों के व्यापार के बाद भी भारत में निवेश नहीं करता है चीन, ये है वजह
Agency:News18Hindi
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चीन ने भारत में पिछले 15 साल में सिर्फ 10 हजार करोड़ का ही निवेश किया है. यहां निवेश के मामले में उसका 17वां स्थान है.

सीमा विवाद को लेकर तनातनी के बावजूद भारत और चीन बड़े बिजनेस पार्टनर हैं. चीन अपने यहां सामान बनाकर भारत में बेचने का काम करता है. वह निवेश में विश्वास नहीं करता. इससे हमें नुकसान है. उसने यहां पर निवेश नाम मात्र का किया है.
इंडो-चाइना इकोनॉमिक एंड कल्चरल काउंसिल के मेंबर सेक्रेट्री इरफान का यही मत है. न्यूज18 डॉटकॉम से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस वक्त सरकार चाइनीज मोबाइल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर वहां से आयात कम करने की कोशिश कर रही है.
इससे चीनी कंपनियों के भारत में निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं. तनातनी से एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पर नहीं बल्कि निवेश पर असर पड़ेगा. क्योंकि वे पहले ही यहां निवेश नहीं करना चाहते थे.
इरफान कहते हैं कि सन् 2000 से 2016 तक 16 साल में चीन ने सिर्फ 10 हजार करोड़ का ही निवेश किया. इन आंकड़ों के आधार पर भारत में निवेश के मामले में उसका 17वां स्थान है. अब उसका निवेश थोड़ा बढ़ रहा है.
चीन इस समय भारत को 59.43 अरब डॉलर के सामान का सालाना निर्यात करता है, जो यहां के कुल आयात का 13 फीसदी के आसपास होता है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 तक चीन ने भारत में 4.91 अरब डॉलर का निवेश किया है.
इरफान कहते हैं कि दोनों देश आपस में इतने उत्पादों का आयात-निर्यात करते हैं कि असलियत में कोई भी उनका विरोध करने की हालत में नहीं है.
India China relations
लंबे समय तक चीन से आयात ठीक नहीं
इरफान के मुताबिक, लंबे समय के लिए चीन से आयात ठीक नहीं है. हमें उनसे टेक्नॉलोजी लेनी चाहिए. उनका अनुभव बांटना चाहिए. चीन के साथ भारत में ज्वाइंट वेंचर लगाना चाहिए. इससे हमें उनसे कम कीमत में उत्पादन की समझ मिलेगी. लेकिन ऐसा तभी संभव है जब रिश्ते तल्ख न हों.
मालूम हो कि करीब एक महीने से भारतीय सैनिकों का चीनी जवानों के साथ गतिरोध बना हुआ है. दोनों सेनाओं के बीच 1962 के बाद ये सबसे लंबा गतिरोध है.
India China relations (File Photo)
स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े आश्वनी महाजन कहते हैं कि चीन का सामान सस्ता है इसलिए भारत में लोग खरीदते हैं. खरीदने वालों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि चीन का सामान चलता नहीं. उसकी विश्वसनीयता नहीं है. इस पर भी चालाकी यह कि वह यहां माल नहीं बनाता, जिससे यहां रोजगार नहीं मिलता.
चीन से ये सामान आयात करते हैं हम
भारत चीन से जो चीजें आयात करता है उनमें मोबाइल, टीवी, चार्जर, मेमोरी कार्ड और म्यूजिक उपकरण सबसे अहम हैं. इसके अलावा बर्तन, ऑटो एसेसरीज, बिल्डिंग मैटीरियल, सेनेटरी आइटम, किचन आइटम, टाइल्स, मशीनें, इंजन, पंप, केमिकल, फर्टिलाइजर, आयरन एवं स्टील, प्लास्टिक, बोट और मेडिकल एक्यूपमेंट शामिल हैं.
इंडो-चाइना इकोनॉमिक एंड कल्चरल काउंसिल के मेंबर सेक्रेट्री इरफान का यही मत है. न्यूज18 डॉटकॉम से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस वक्त सरकार चाइनीज मोबाइल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर वहां से आयात कम करने की कोशिश कर रही है.
इससे चीनी कंपनियों के भारत में निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं. तनातनी से एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पर नहीं बल्कि निवेश पर असर पड़ेगा. क्योंकि वे पहले ही यहां निवेश नहीं करना चाहते थे.
इरफान कहते हैं कि सन् 2000 से 2016 तक 16 साल में चीन ने सिर्फ 10 हजार करोड़ का ही निवेश किया. इन आंकड़ों के आधार पर भारत में निवेश के मामले में उसका 17वां स्थान है. अब उसका निवेश थोड़ा बढ़ रहा है.
चीन इस समय भारत को 59.43 अरब डॉलर के सामान का सालाना निर्यात करता है, जो यहां के कुल आयात का 13 फीसदी के आसपास होता है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 तक चीन ने भारत में 4.91 अरब डॉलर का निवेश किया है.
इरफान कहते हैं कि दोनों देश आपस में इतने उत्पादों का आयात-निर्यात करते हैं कि असलियत में कोई भी उनका विरोध करने की हालत में नहीं है.
India China relations
लंबे समय तक चीन से आयात ठीक नहीं
इरफान के मुताबिक, लंबे समय के लिए चीन से आयात ठीक नहीं है. हमें उनसे टेक्नॉलोजी लेनी चाहिए. उनका अनुभव बांटना चाहिए. चीन के साथ भारत में ज्वाइंट वेंचर लगाना चाहिए. इससे हमें उनसे कम कीमत में उत्पादन की समझ मिलेगी. लेकिन ऐसा तभी संभव है जब रिश्ते तल्ख न हों.
मालूम हो कि करीब एक महीने से भारतीय सैनिकों का चीनी जवानों के साथ गतिरोध बना हुआ है. दोनों सेनाओं के बीच 1962 के बाद ये सबसे लंबा गतिरोध है.
India China relations (File Photo)
स्वदेशी जागरण मंच से जुड़े आश्वनी महाजन कहते हैं कि चीन का सामान सस्ता है इसलिए भारत में लोग खरीदते हैं. खरीदने वालों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि चीन का सामान चलता नहीं. उसकी विश्वसनीयता नहीं है. इस पर भी चालाकी यह कि वह यहां माल नहीं बनाता, जिससे यहां रोजगार नहीं मिलता.
चीन से ये सामान आयात करते हैं हम
भारत चीन से जो चीजें आयात करता है उनमें मोबाइल, टीवी, चार्जर, मेमोरी कार्ड और म्यूजिक उपकरण सबसे अहम हैं. इसके अलावा बर्तन, ऑटो एसेसरीज, बिल्डिंग मैटीरियल, सेनेटरी आइटम, किचन आइटम, टाइल्स, मशीनें, इंजन, पंप, केमिकल, फर्टिलाइजर, आयरन एवं स्टील, प्लास्टिक, बोट और मेडिकल एक्यूपमेंट शामिल हैं.
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