Mata Laxmi Bhagwan Vishnu ki Dasi: हिंदू धर्म में हर देवी देवता को किसी ने किसी चीज़ का प्रतीक माना गया है. इसी तरह माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) के एक स्वरूप को धन की देवी माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में साफ सफाई (cleanliness) होती है, वहां पर लक्ष्मी जी का वास होता है. उस घर में धन की कमी नहीं होती. इसलिए हमेशा आपने अपने बड़े बुज़ुर्गों से सुना होगा कि घर में सफाई रखना चाहिए. ऐसे तो माता लक्ष्मी के कई स्वरूप हैं, लेकिन अक्सर आपने ऐसे चित्र भी देखे होंगे जिसमें माता लक्ष्मी श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) के चरणों में बैठकर उनके पैर दबाती हुई नज़र आती हैं. माता लक्ष्मी द्वारा भगवान विष्णु के पैर दबाने के पीछे की मान्यता के बारे में आज हम आपको बताएंगे.
पौराणिक कथा के अनुसार
एक बार देव ऋषि नारद ने माता लक्ष्मी से पूछा माता देवी होते हुए भी आपको हमेशा मैंने श्री हरि विष्णु के पैर दबाते हुए भी देखना है. इसके पीछे क्या वजह है, तब माता लक्ष्मी कहती हैं देवर्षि नारद देवी देवता हो या मनुष्य ग्रहों के प्रभाव से कोई नहीं बचा है.
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कहा जाता है कि महिलाओं के हाथों में देव गुरु बृहस्पति का वास होता है और पुरुषों के पैर में दैत्य गुरु शुक्राचार्य का वास होता है. कहा गया है कि देव और दानव के मिलन से धन काभ का योग बनता है. यही कारण है कि में श्री हरि विष्णु के पैर दबाती हूं.
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भगवान श्री हरि विष्णु ने माता लक्ष्मी को अपने पुरुषार्थ के बल पर ही वश में करके रखा है. लक्ष्मी जी उन्हीं के वश में होती हैं जो सदैव सभी के कल्याण के बारे में सोचा करते हैं. भगवान विष्णु के पास जो लक्ष्मी है वो धन और सम्पत्ति की लक्ष्मी है. भगवान विष्णु इसका उचित्त उपयोग करना जानते हैं. साथ ही धन की देवी द्वारा पैर दबाने पर भी उनमें रत्ती भर का अहंकार नहीं है. यही वजह है कि माता लक्ष्मी भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों की दासी है.
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