नई दिल्ली. लगातार बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों के बाद अब कार खरीदार ऑल्टरनेट फ्यूल या फिर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ने लगे हैं. खासकर CNG कारों की सेल में जबर्दस्त इजाफा देखने को मिला है. हालांकि सेल प्रतिशत की बात की जाए तो पिछले एक साल में जितनी ग्रोथ इलेक्ट्रिक कारों की सेल में हुई है वो सबसे ज्यादा है लेकिन अभी भी इनकी संख्या कम है. सीएनजी हो या इलेक्ट्रिक दोनों ही तरह की कारों को खरीदने के पीछे कई तरह के फायदे हैं और इनकी कुछ खामियां भी हैं जिनको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
ऐसे में यदि आप भी सीएनजी या इलेक्ट्रिक कार लेने का प्लान कर रहे हैं तो दोनों ही गाड़ियों के फायदे और नुकसान जानना बहुत जरूरी है. इससे आपको ये पता चल सकेगा कि कौन सी गाड़ी लेना आपके लिए फायदेमंद होगा. साथ ही आपको अपनी जरूरत का भी ध्यान रखना होगा.
ये भी पढ़ेंः Best CNG Cars की लिस्ट, कीमत 8 लाख रुपये से भी कम, माइलेज देंगी 36 किमी से भी ज्यादा
कार खरीदने का बजट
सीएनजी कारों की कीमत हालांकि कुछ मायनों में पेट्रोल या डीजल कार की तुलना में ज्यादा हो सकती है लेकिन इलेक्ट्रिक कार के मुकाबले ये काफी कम होती है. सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों में 3 से 5 लाख रुपये तक का फर्क आता है. ऐसे में यदि आपका बजट कम है तो सीएनजी कार आपके लिए बेहतर विकल्प है.
हर दिन का खर्च
सीएनजी कार को चलाने की कीमत इलेक्ट्रिक के मुकाबले काफी ज्यादा होती है. माइलेज अच्छा देने के चलते ये पेट्रोल या डीजल से तो सस्ती पड़ती है लेकिन इलेक्ट्रिक कार की तुलना में ये काफी ज्यादा है. जहां एक सामान्य सीएनजी कार एक किलो गैस में 25 किमी. से 30 किमी. के बीच का माइलेज देती है. वहीं एक इलेक्ट्रिक कार की रनिंग कॉस्ट केवल 1 से 2 रुपये किमी. की पड़ती है. कई कारों में ये इससे भी कम हो जाती है.
फ्यूल ऑप्शन का बड़ा फायदा
सीएनजी कारों का एक बड़ा फायदा है कि यदि गैस खत्म हो जाए तो आप इसे पेट्रोल पर स्विच कर के चला सकते हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक कारों के साथ ऐसा नहीं है. चार्जिंग खत्म होने के बाद कार खड़ी ही होगी. इसको दोबारा चार्ज करना होगा. इसमें ऑल्टरनेट फ्यूल का कोई ऑप्शन नहीं होता है.
लंबी दूरी में सीएनजी मारेगी बाजी
यदि आप लंबी दूरी की यात्राएं करते हैं तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए अच्छा ऑप्शन साबित नहीं होगा. इसका कारण है कि देश में अभी भी इलेक्ट्रिक चार्जिंग का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से डवलप नहीं हुआ है और इसे चार्ज करने के लिए आपको दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. वहीं सामान्य तौर पर इलेक्ट्रिक कार सिंगल चार्ज में 400 किमी. से कम की रेंज ही देती हैं. लेकिन सीएनजी का नेटवर्क लगभग हर राज्य में अच्छा खासा फैल गया है.
परफॉर्मेंस पर असर
सीएनजी कारों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों की परफॉर्मेंस काफी अच्छी होती है. ऑल्टरनेट फ्यूल होने के चलते सीएनजी कारों का पिकअप और टॉप स्पीड कुछ कम होती है. हालांकि इलेक्ट्रिक कारों की बेहतर टेक्नोलॉजी के चलते इनका पिकअप और टॉप स्पीड काफी अच्छी आ रही है.
सर्विस कॉस्ट
इलेक्ट्रिक व्हीकल की सर्विस कॉस्ट लगभग न के बराबर होती है. हालांकि सीएनजी व्हीकल की सर्विस कॉस्ट पेट्रोल और डीजल व्हीकल जितनी ही पड़ती है. सीएनजी कारों में इंजन ऑयल, फिल्टर जैसी चीजों को हर सर्विस पर बदलावाना होता है लेकिन ऐसा इलेक्ट्रिक कारों में नहीं होता है. हालांकि इलेक्ट्रिक कारों का बैटरी पैक या मोटर में खराबी आने पर ये खर्च लाखों रुपयों तक पहुंच जाता है.
स्पेस में फर्क
अगर आपको कार में स्पेस की ज्यादा जरूरत होती है और बूट का ज्यादा इस्तेमाल होता है तो आपके लिए सीएनजी विकल्प नहीं है. सीएनजी व्हीकल में टैंक बूट में होने के चलते स्पेस बिल्कुल नहीं रहता है. जबकि इलेक्ट्रिक कार में ऐसा नहीं होता और काफी अच्छा बूट स्पेस आपको मिलता है.
.
Tags: Auto News, Car Bike News, Cng car, Electric Car, Electric vehicle