रिपोर्ट : अभिनव कुमार
दरभंगा. LNMU (ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी) ने NEP(नई शिक्षा प्रणाली) 2020 के तहत सिलेबस निर्माण की तैयारी में जुट गया है. मामले पर कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया की राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के आधार पर स्नातक स्तरीय सीबीसीएस सिलेबस निर्माण हेतु पाठ्यक्रम निर्माण समिति को निर्देशित किया है. उनको बताया कि पुराने सिलेबस पढ़ाने का कोई औचित्य नहीं.
क्योंकि यह छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं एवं लाभों से वंचित करेगा. हम रूटीन वर्क करने के आदी होते हैं. इसलिए परिवर्तन होने से हल्ला बोल करते हुए हम भूल जाते हैं कि हम किस लिए हैं, क्योंकि उस समय हमारा विवेक ही खत्म हो जाता है. भारत के अधिकांश राज्यों एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को लागू किया जा चुका है.
सिलेबस बनाते समय छात्र हितों का रखा जाएगा ध्यान
सामूहिक रूप से अच्छी नीति लाने का लाभ सबको प्राप्त होता है. उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा कि सिलेबस बनाने में उनकी अच्छाई, उपयोगिता, प्रश्नोत्तर तथा मूल्यांकन आदि पर भी ध्यान रखते हुए विभागाध्यक्ष अपने डीन, योग्य शिक्षक, पूर्ववर्ती छात्रों तथा अन्य समर्थ व्यक्तियों से भी विचार- विमर्श अवश्य करेंगे.
कुलपति ने बिहार में शिक्षकों की प्रोन्नति अब सिर्फ एपीआई स्कोर के आधार पर होने की जानकारी देते हुए शोध पर्यवेक्षकों एवं शोधार्थियों से अपील की कि वे अपने शोध- प्रारूप तथा शोध- प्रबंध सीडी अथवा मेल के माध्यम से केन्द्रीय पुस्तकालय को उपलब्ध कराएं. ताकि उन्हें साइट पर अपलोड किया जा सके. उन्होंने प्रत्येक विभागाध्यक्ष से नैक की दृष्टि से प्रेजेंटेशन तैयार कर लेने पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय उनसे 1 सप्ताह में जानकारियां प्राप्त करेगा.
बोलीं- मिथिला विश्वविद्यालय कर रहा अच्छा कामकुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने कहा कि अधिकांश मामलों में हमारा मिथिला विश्वविद्यालय बिहार में बेहतर काम कर रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के आलोक में भी स्नातक स्तरीय सिलेबस निर्माण में भी अच्छा कार्य करेगा.
प्रति कुलपति ने कहा कि शिक्षक ध्यान रखेंगे की सिलेबस आधुनिक एवं उपयोगी बने. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को पूर्णतः लागू करने हेतु फैकेल्टी के साथ ही आधारभूत संरचना की जरूरत को रेखांकित कर विश्वविद्यालय में बोर्ड ऑफ स्टडीज बनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे आगे काफी सुविधाएं होगी.
डा अवनि रंजन सिंह ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सिलेबस निर्माण की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए कहा कि कुलपति के निर्देश से सीबीसीएस सिलेबस बनाने में स्नातक स्तरीय शिक्षकों को बराबर महत्व दिया गया है, जिनमें विशेषकर युवा शिक्षकों की संख्या अत्यधिक है.
नए सिलेबस में ये होगा शामिलउन्होंने बताया कि स्नातक का वर्तमान सिलेबस मूलतः 1988 से चल रहा है, जबकि 2012 में ही यूजीसी द्वारा नया सीबीसीएस सिलेबस लाया गया. वहीं यूजीसी ने दिसंबर 2022 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के आधार पर सीबीसीएस सिलेबस को फ्रेम किया. जिसमें विश्वविद्यालय स्तर पर 20% परिवर्तन के साथ तैयार किया जाएगा. इसमें कौशल विकास, इंटर्नशिप तथा मूल्य आधारित कोर्स आदि भी शामिल होंगे.
यह सिलेबस 3 वर्ष की जगह 4 वर्षीय होगा, जिसके तहत छात्र 1 वर्ष में सर्टिफिकेट, 2 वर्ष में डिप्लोमा, 3 वर्ष में डिग्री तथा 4 वर्ष में 160 क्रेडिट कर ऑनर्स व शोध के साथ प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे.
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