लोकसभा चुनाव के गुरुवार को आने वाले नतीजों में बिहार की जिन सीटों पर सबकी नजरें होंगी, उनमें से एक है पाटलिपुत्र. इस सीट से मुकाबला न केवल दो प्रत्याशियों या पार्टियों के बीच है बल्कि लालू परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. दरअसल इस सीट से लालू परिवार की एकमात्र उम्मीदवार मीसा भारती अपना किस्मक आजमा रही हैं. पिछले 10 सालों में ये दूसरा मौका है, जब यहां लड़ाई चाचा और भतीजी में यानी मीसा भारती और रामकृपाल यादव में है.
न्यूज 18 आपको बता रहा है मोदी सरकार के उस मंत्री के बारे में, जिसे किसी जमाने में लालू के दरबार में राम का दर्जा मिला था और वो लालू के सबसे करीबी माने जाते थे लेकिन समय के साथ वो आज लालू परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं.
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परिचय
रामकृपाल यादव का जन्म 1957 में पटना जिले में हुआ. वो इतिहास से बीए ऑनर्स हैं. उनकी पत्नी एक गृहणी हैं, जबकि उनके दो पुत्र (अभिषेक और अभिमन्यु) और एक पुत्री (आरती) हैं. रामकृपाल ने राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन से ही कर दी थी. वो साल 1977 में छात्र संघ के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के सिनेटर चुने गये.
वार्ड से सांसद तक का सफर
रामकृपाल ने छात्र राजनीति के बाद पटना नगर निगम की राजनीति में हाथ आजमाया. वो पटना से वार्ड पार्षद रहे और बाद में पटना के उप-महापौर भी बने. इसके बाद 90 का दौर आया जब रामकृपाल पहली बार 1992 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. इसके ठीक अगले साल ही यानी 1993 में वो पहली बार लोकसभा के सदस्य बने. 2004 लोकसभा चुनाव में वो पटना सीट पर बीजेपी नेता सीपी ठाकुर को हराकर सांसद बने थे. इसके बाद साल 2010 में भी वो राज्यसभा के लिए सदस्य बने.
कभी लालू के थे करीबी
रामकृपाल यादव किसी जमाने में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी रहे थे. वो 17 साल तक राजद में रहे. उनका कद ऐसा था कि लालू के बाद उनकी गिनती पार्टी के बड़े नेता के तौर पर की जाती थी. लालू के करीब रहने वाले लोग बताते हैं कि उन जमाने में वो राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेता थे और उनकी और श्याम रजक की जोड़ी को लालू दरबार में राम-श्याम कहा जाता था. पार्टी में रहते हुए उनको यादवों के बड़े चेहरे के तौर पर जाना जाता था यही कारण है कि आज भी मीसा उनको चाचा कह कर ही पुकारती हैं.
मीसा को हराकर बने थे मंत्री
पाटलिपुत्र सीट से टिकट नहीं मिलने पर रामकृपाल की नाराजगी सामने आई थी और वो राजद का साथ छोड़कर बीजेपी में चले गए थे. तब मोदी लहर में उनको पाटलिपुत्र सीट से बीजेपी का टिकट मिला और वो जीत हासिल करने में सफल रहे. 2014 में रामकृपाल भाजपा प्रत्याशी के रुप में पाटलिपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के सदस्य चुने गये और भारत सरकार में पेय जल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री बने.
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