रिपोर्ट- विक्रम कुमार झा
पूर्णिया. बात अगर प्रकृति या ईश्वर की करें तो सूर्यदेव साक्षात देवताओं में हैं. जिनसे हम सबों को सूर्य की प्रकाश, ऊर्जा आदि जितने भी संसार पर मौजूद सभी प्रकार जीव जंतु पर अपनी कृपा बनाये रखते हैं. जिससे इंसान अपनी जीवन को कुशलता पूर्वक जीते हैं. ऐसे में अगर आप सूर्य उपासक हैं, या नहीं भी हैं तो आप सूर्यदेव की कृपा पाना चाहते हैं. तो आप सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य गायत्री मंत्रों को नियम पूर्वक आराधना कर ईश्वर की कृपा पा सकते हैं.
इस मंत्रों का करें जाप
चर्चित पंडित व ज्योतिषाचार्य पंडित दयनाथ मिश्र कहते हैं कि छठ की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे समय पर कोई भक्तसबसे सहज सुलभ सूर्य गायत्री मंत्र है, त्रोंसूर्य देव को प्रसन्न करना चाहते है तो आप नियम पूर्वक सूर्य गायत्री मंत्रों का आराधना के साथ जाप करें. जिससे आपको विशेष लाभ होगा सब कुछ अच्छा होगा.ॐ भास्कराय च विदमहे दिवाकराय च धी महि, तन्नो सुर्यः प्रचोदयात इस मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा.
ऐसे करें भगवान सूर्य की आराधना
पूर्णिया के पंडित दया नाथ मिश्र कहते हैं की सूर्य आराधना करने का उत्तम समय सूर्योदय के समय जिस समय लालिमा निकलती है. अगर उस समय स्नान, ध्यान आदि करके भगवान सूर्य का पूजन करें और सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए लाल फूल और मीठा जल को अर्पित कर पूजा करें. इससे आपके उपर सूर्यदेव सहित सभी ईश्वर की कृपा बनी रहेगी.
मंत्रोच्चारण के लिए शुभ समय, जो होगा विशेष फलदायी
पंडित जी कहते हैं कि आने वाला कल 27 मार्च को और 28 मार्च को चैती छठ महापर्व पर्व है. जो की संध्या काल के समय पहला अर्ध्य समय शाम के 5:30 बजे से 6:00 बजे तक और अगले दिन प्रातः काल 5.30 से 6 बजे तक शुभ समय है. इस समय में अगर कोई भी व्यक्ति सूर्यदेव की पूजा अर्चना के साथ सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करें तो उसके जीवन में कोई दिक्कत नहीं होगी, विशेष लाभ होगा.
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