रिपोर्ट : संतोष कुमार
छपरा. जिले में अपराध से जुड़ा एक हैरत में डाल देने वाला मामला सामने आया है. आरोपी ने जवानी में अपराध को अंजाम दिया था, लेकिन रेल पुलिस ने उसे बुढ़ापे में गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. पकड़े गए दोनों मुलजिम 19 से 20 साल की उम्र में क्राइम कर फरार हो गए थे. अब पुलिस को दोनों आरोपी 68 से 69 साल की उम्र में हाथ लगे हैं. लगभग 50 साल तक दोनों पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में सफल रहे.
कहते हैं कानून के हाथ लंबे होते हैं. इसे एक बार फिर छपरा में हुई अपराध की खबर में देखा गया. यह मामला छपरा का है, जहां रेल में चोरी के एक मामूली केस में 49 साल बाद रेलवे सुरक्षा पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
प्रभु राय और गोधन भगत दोस्त थे. अपराध के वक्त एक की उम्र 19 साल थी और दूसरे की 20 साल. उस वक्त इन दोनों ने चोरी की एक वारदात को अंजाम दिया था. अभी प्रभु राय 68 बरस के हैं जबकि गोधन भगत 69 के. दोनों के नाम स्थायी वारंट निर्गत हुआ था. अब दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक आरोपी नयागांव से तो दूसरा डोरीगंज से पकड़ा गया है. हालांकि दोनों रहनेवाले सोनपुर व नयागांव इलाके के ही हैं.
रेलवे पुलिस के अनुसार, इसके लिए 100 बार से ज्यादा तलाशी व छापेमारी की गई. दोनों के खिलाफ 2001 में स्थायी वारंट जारी किया गया था. इसको लेकर छापेमारी के दौरान डोरीगंज थाना अंतर्गत इस्माइलपुर के 69 वर्षीय गोधन भगत को गिरफ्तार किया गया. आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि रेल संपत्ति की चोरी का मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में सोनपुर नयागांव थाना क्षेत्र के हासिलपुर से 68 वर्षीय प्रभु राय को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसे जेल भेज दिया गया है. ये दोनों कांड संख्या 23/74 के आरोपी हैं.
आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरफ्तार गोधन भगत पहले नयागांव के हासिलपुर में ही रहा करता था. बाद में उसने यहां की संपत्ति बेचकर इस्माइलपुर में घर बना लिया. गिरफ्तार करने के बाद रेलवे कोर्ट में पेश किए जाने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया. रेलवे दंडाधिकारी सोनपुर न्यायालय वाद संख्या 64-2001 व यूएस 3 आरपी यूपी एक्ट के तहत स्थायी वारंट जारी किया गया था. इस छापेमारी टीम की अगुवाई आरपीएफ निरीक्षक प्रभारी रूपेश कुमार खुद कर रहे थे.
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