नई दिल्ली. Paytm Shares : पेटीएम की पैरेंट कंपनी One97 Communications के शेयरों में गिरावट का दौर थमा नहीं है. कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर अपने 952.3 रुपये प्रति शेयर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गये हैं. शुक्रवार को कंपनी के शेयर में 4 फीसदी की गिरावट आई. इसके साथ ही उन निवेशकों की 10 अरब डॉलर से ज्यादा रकम डूब गई है जिन्होंने पेटीएम के आईपीओ (IPO) में भाग लिया था.
बाजार जानकारों का कहना है कि कंपनी के भविष्य को लेकर अभी निवेशक (Paytm Investor) काफी निराश हैं. इसलिए इसे शेयर में लगातार बिकवाली देखने को मिल रही है. पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay shekhar sharma) ने कुछ दिन पहले ही नवंबर में लिस्टिंग के बाद हाल में स्टॉक में कमजोरी की वजह ग्लोबल फैक्टर्स और पब्लिक इनवेस्टर्स को उसके बिजनेस मॉडल की समझ की कमी को बताया था.
पेटीएम के शेयरों ने अपने प्राइस बैंड के टॉप एंड पर 19 अरब डॉलर के वैल्युएशन के साथ आईपीओ मार्केट में दस्तक दी थी. फिलहाल कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 62,166 करोड़ रुपये है. लिस्टिंग के बाद इसमें भारी कमी आई है. लिस्टिंग से पहले मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.4 लाख करोड़ रुपये था. आज के सेशन में बिकवाली की मुख्य वजह लॉन्ग टर्म इनवेस्टर थे. एनएसई में इसका डिलिवरी वॉल्यूम 37 फीसदी था, जो 20 दिन के 29.6 फीसदी के एवरेज से खासा ज्यादा था.
ब्रोकरेज हाउस मैक्वायरी (macquarie) को कंपनी के बिजनेस में सुधार के सीमित संकेत दिखते हैं. सिर्फ जनवरी की बात करें तो ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी द्वारा स्टॉक का टारगेट 1,200 रुपये से घटाकर 900 रुपये करने के बाद कंपनी के शेयर इस महीने में 28 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं. 10 जनवरी 2022 को जारी अपनी रिपोर्ट में ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी ने Paytm Stock (One97 Communication) पर ‘अंडरपरफॉर्म’ की रेटिंग बरकरार रखी. साथ ही इसके टारगेट प्राइस में भी बड़ी कटौती की. IPO के वक्त मैक्वायरी ने 1250 रुपये का टारगेट दिए थे, जबकि इश्यू प्राइस 2150 रुपये था. जनवरी में आई रिपोर्ट पेटीएम पर मैक्वायरी की तीसरी रिपोर्ट थी.
ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में मजबूती के चलते दुनिया भर में टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में कमजोरी आई है. इसी का असर पेटीएम के शेयर पर भी पड़ रहा है. बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी टेक्नोलॉजी स्टॉक्स के लिए निगेटिव है, क्योंकि इससे उनका वैल्युएशन कम होता है. कोविड-19 के कारण ब्याज दरों के रिकॉर्ड निचले स्तर पहुंचने से टेक्नोलॉजी स्टॉक्स को सहायता मिली है, क्योंकि इससे निवेशक को भविष्य में कमाई का मौका मिला है. पेटीएम के मामले में प्रॉफिटेबिलिटी के ट्रैक रिकॉर्ड की कमी उन इनवेस्टर्स के लिए कोई समस्या नहीं है, जिन्होंने पांच से छह साल में होने वाले प्रॉफिट की उम्मीद में कंपनी की रिच वैल्युएशन को स्वीकार कर लिया है.
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