रिपोर्ट-भारत कुमार दुर्गम
रायपुर. हाल ही में बीजापुर जिले के मिरतूर थाना क्षेत्र के पोमरा जंगलों में हुए मुठभेड़ के बाद 4 माओवादियों के शव के साथ चार हथियार बरामद किए गए थे. इसमें चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि नक्सलियों के पास से बरामद हुए चार हथियारों में से एक हथियार यूएस निर्मित ऑटोमेटिक कार्बाइन कैलिबर 30 M1 रायफल भी है.
भले ही पुलिस और सुरक्षा बल के जवान इस बरामदगी को बड़ी सफलता मान रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह बस्तर में माओवाद क्षेत्र में माओवादियों से जंग लड़ रहे जवानों के लिए बुरी खबर भी है. सवाल यह है कि आखिर माओवादियों के पास यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका निर्मित हथियार कैसे पहुंचे?
बताया जा रहा है कि इसके पहले भी नारायणपुर के माड़ इलाके में हुए 1 एनकाउंटर के बाद जर्मन में बना राइफल बरामद किया गया था. पहली बार बीजापुर में नक्सलियों के पास से यूएस मेड हथियार बरामद होने से पुलिस महकमे में भी सनसनी फैल गई है.
बीजापुर के एसपी आंजनेय वार्ष्णेय के अनुसार, इस हथियार की मारक क्षमता 300 गज बताई जा रही है. इससे एक साथ 15 से 20 राउंड फायर किया जा सकता है, जो बेहद ही घातक साबित होता है. इस हथियार का उपयोग US सैनिकों ने सेकंड वर्ल्ड वार, वियतनाम वार और कोरियन युद्ध में बड़े पैमाने पर किया था.
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