रिपोर्ट- लखेश्वर यादव
जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में करोड़ों की सिटी बस कबाड़ में तब्दील हो गई. देखरेख के अभाव में अधिकतर बसों के कलपुर्जे चोरी हो गए हैं. कोरोना काल में बसों का परिचालन बंद कर दिया गया था. जिसे अभी तक बहाल नहीं किया गया है. इधर बसों के कलपुर्जों की चोरी की रिपोर्ट तक नगरपालिका ने पुलिस थाने में दर्ज नहीं करवाई है.
कबाड़ हो चुके सिटी बसों को देखकर लगता है कि सिटी बसों के पुन: संचालन में प्रशासन को रूचि नहीं है. इसी वजह से आम लोगों को यात्रा करने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं. रायगढ़ नगर निगम प्राधिकरण के तहत 4 करोड़ 80 लाख की लागत से 10 सिटी बसों की खरीदी की गई थी. इन्हें जांजगीर-चांपा जिले में परिचालन के लिए भेजा गया था.
बसों की हालत हुई जर्जर
लोगों के आवागमन को असान करने और ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के मनमानी लूट से राहत देने के लिए रायगढ़ से 10 सिटी बसें मंगवाई गई थीं. अब 4 करोड़ 80 लाख की बसें जर्जर हालत में पहुंच गई है. सभी बसें जांजगीर के बस स्टैंड नैला में कबाड़ की हालत में पड़ी हुई हैं. कुछ महीने पहले असामाजिक तत्वों ने बसों को आग के हवाले भी कर दिया था. इन सिटी बसों के पहिए, इंजन और बैटरी चोरी हो गए हैं. शीशे टूट गए हैं. विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए पानी में बह गए हैं.
जांजगीर चांपा में सिटी बस नहीं चलने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. निजी परिवहन सुविधा की तुलना में सिटी बसों का किराया कम था. लोगों को कम किराया में सफर करने की सुविधा मिल रही थी, लेकिन जिले में सिटी बस सुविधा बंद हो गई है. लोग यात्री प्राइवेट बसें, आटो और छोटे सवारी वाहनों में महंगा सफर करने मजबूर हो रहे हैं.
जिला मुख्यालय जांजगीर के अलावा यहां से अकलतरा, चांपा, शिवरीनारायण, बलौदा, सक्ती सभी रुट के लिए सिटी बसें चलती थी. जिससे आम जनता को कम किराया में सफर की सुविधा मिलती थी. सिटी बस की सुविधा कोरोना के बाद बंद हो गई है, जिससे लोगों को काफी परेशनी का सामना करना पड़ रहा है.
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