नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ठंड से बचाव के लिए सड़कों पर अलाव जलाने वाले सिक्योरिटी गार्डों को राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के सड़कों पर आग सेंकने वाले सिक्योरिटी गार्ड और ड्राइवर भी राजधानी में (1/5 %) प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार हैं.’ केजरीवाल का यह बयान अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. राउज एवेन्यू में ‘रीयल-टाइम स्रोत विभाजन सुपरसाइट’ और एक मोबाइल वैन का उद्घाटन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह बात कही. उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व वाली सरकार अब यहां ‘रीयल-टाइम स्रोत विभाजन अध्ययन’ की शुरुआत के साथ अधिक सटीक तरीके से प्रदूषण से निपटने में सक्षम होगी.
उन्होंने कहा, ‘वास्तविक समय स्रोत विभाजन सुपरसाइट अध्ययन एक घंटे के आधार पर प्रदूषण के स्रोतों का विवरण साझा करेगा. मोबाइल वैन एक विशेष स्थान पर जाएगी और एकत्र किए गए आंकड़े का सुपरसाइट पर विश्लेषण किया जाएगा. अभी, हम एक मोबाइल वैन से शुरुआत कर रहे हैं लेकिन जल्द हम और अधिक मोबाइल वैन इसमें शामिल करेंगे.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविक समय के प्रदूषण स्रोतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से सरकार अधिक सटीक तरीके से समस्या से निपटने में सक्षम होगी.
‘दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण 35 प्रतिशत रहा’
केजरीवाल ने कहा कि वास्तविक समय के आंकड़ों से पता चला कि सुबह 8 बजे, बाहरी स्रोतों और वाहनों के उत्सर्जन के कारण प्रदूषण 35 प्रतिशत रहा, जबकि जैव ईंधन जलाने से प्रदूषण की दर 29 प्रतिशत थी. पूर्वाह्न 10 बजे, बाहरी स्रोतों के कारण प्रदूषण घटकर 29 प्रतिशत, जैव ईंधन जलने से शून्य प्रतिशत और वाहनों से होने वाला प्रदूषण 35 प्रतिशत रहा. केजरीवाल ने कहा कि वास्तविक समय के आंकड़ों के बाद प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘सर्दियों के दौरान जैव ईंधन जलाने में वृद्धि देखी जाती है. सुरक्षा गार्ड, ड्राइवर खुद को गर्म रखने के लिए अलाव जलाते हैं.’
‘प्रदूषण के स्रोत घंटे के आधार पर बदलते हैं’
उन्होंने हवाला दिया कि कैसे प्रदूषण से निपटने के उपाय वर्षों पुराने अध्ययनों पर आधारित थे. उन्होंने कहा, ‘उनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. वास्तविक समय के स्रोत विभाजन अध्ययन से पता चला है कि प्रदूषण के स्रोत घंटे के आधार पर बदलते हैं.’ ‘वास्तविक समय स्रोत विभाजन’ अध्ययन दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-दिल्ली, आईआईटी-कानपुर और टेरी की संयुक्त कवायद है. उन्होंने कहा, ‘हम पिछले तीन-चार साल से इसे स्थापित करने पर काम कर रहे हैं, लेकिन हमारे प्रयासों का फल नहीं मिला. लेकिन हम इसे कम समय में एक साथ लाने में सफल रहे हैं.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश की और दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री सबसे अधिक है. हमने कई नयी बस खरीदी हैं और 2025 तक, दिल्ली की 80 प्रतिशत बस इलेक्ट्रिक होंगी.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दिल्ली में वृक्ष प्रतिरोपण नीति है और दिल्ली में पेड़ों वाले क्षेत्र का दायरा बढ़कर 23.6 प्रतिशत हो गया है जो कि राष्ट्रीय औसत 20 प्रतिशत से अधिक है.’
(इनपुट भाषा से भी)
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