हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा का बड़ा धार्मिक महत्व है. इस दिन व्रत रखने, गंगा स्नान करने और दान देने का विधान है. माघ पूर्णिमा के अवसर पर प्रयागराज के संगम में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. संगम स्नान और दान का इतना महत्व है कि जो ऐसा करता है, उसे 10 हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल पुण्य फल प्राप्त होता है. माघ पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. रात्रि के समय में चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं.
माघ पूर्णिमा तिथि 2023
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार इस साल माघ पूर्णिमा व्रत 05 फरवरी दिन रविवार को है. पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 04 फरवरी को रात 09 बजकर 29 मिनट से शुरू हो रही है और यह तिथि अगले दिन 05 फरवरी को रात 11 बजकर 58 मिनट पर खत्म होगी.
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माघ पूर्णिमा का स्नान और दान
पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय 05 फरवरी को प्राप्त हो रहा है और उदयातिथि के आधार पर भी 05 फरवरी को पूर्णिमा तिथि मिल रही है. ऐसे में माघ पूर्णिमा का व्रत 05 फरवरी को रखा जाएगा और इस दिन ही स्नान और दान भी होगा.
माघ पूर्णिमा पर चार शुभ योग
इस साल माघ पूर्णिमा पर चार शुभ योग बने हैं. आयुष्मान योग माघ पूर्णिमा के प्रात:काल से लेकर दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है. उसके बाद से सौभाग्य योग प्रारंभ होगा. इस दिन रवि पुष्य योग सुबह 07 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग भी सुबह 07:07 बजे से लेकर दोपहर 12:13 बजे तक है.
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माघ पूर्णिमा का स्नान-दान, पूजा पाठ और व्रत आयुष्मान, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग में होगा. रात्रि में चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा सौभाग्य योग में होगी.
भद्रा में है माघ पूर्णिमा
इस साल माघ पूर्णिमा भद्रा में है. 05 फरवरी को भद्रा सुबह 07 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक है. इस भद्रा का वास पृथ्वी पर है.
माघ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. रात के समय में माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से सुख समृद्धि बढ़ती है.
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