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Navratri 2023: बोकारो में सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा को दी गई विदाई, जानें मान्यता, देखें Video

Navratri 2023: बोकारो में सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा को दी गई विदाई, जानें मान्यता, देखें Video

Bokaro News: श्रद्धालु मुनमुन धीवर ने बताया कि सिंदूर खेला का नवरात्रि विशेष महत्व है. इसे नवरात्रि की आखरी दिन दुर्गा मां की उपस्थिति में महिलाएं खेलती हैं. उसके बाद मां को विदाई दी जाती है. इस दौरान महिलाएं अपने पति व बच्चों की सुरक्षा की कामना करती हैं.

रिपोर्ट: कैलाश कुमार

बोकारो: बोकारो के चास स्थित केवट पाड़ा में विधि विधान के साथ 9 दिनों से चली आ रही चेती नवरात्र पूजा का शुक्रवार को समापन हुआ. जहां श्रद्धालुओं द्वारा मां दुर्गा को भावपूर्ण विदाई दी गई. अंतिम दिन कलश विसर्जन के लिए गाजे-बाजे के साथ श्रद्धालुओं ने यात्रा निकाली. इसके साथ महिलाओं ने पारंपरिक सिंदूर खेला के साथ मां दुर्गा को नमन किया.

वहीं, बंगाली हिंदू समुदाय की विवाहित महिलाओं द्वारा पारंपरिक तरीके से सिंदूर खेला का आयोजन किया गया. जहां महिलाओं ने हर्षोल्लास के साथ एक दूसरे को सिंदूर लगाया. पंडाल में आई मुनमुन धीवर ने बताया कि सिंदूर खेला का नवरात्रि विशेष महत्व है. क्योंकि इसे नवरात्रि की आखरी दिन दुर्गा मां की उपस्थिति में महिलाएं खेलती है. उसके बाद मां को विदाई दी जाती है.इस दौरान महिलाएं अपने पति व बच्चों की बुरी शक्ति से रक्षा के लिए कामना करती हैं. साथ ही उनकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं.

70 वर्षों से सज रहा पंडाल
बता दें कि चास में चैती दुर्गा का आयोजन धीबर समिति द्वारा किया जाता है. यहां 70 वर्षों से भी अधिक समय से चैती नवरात्र पर पंडाल बनाकर प्रतिमा स्थापित की जा रही है. हर साल यहां भव्य तरीके से चैती नवरात्र मनाया जाता है और मां की दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना होती है. यहां कद्दू बलि की भी परंपरा है. आज मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए बंगाल के विशेष ढाक बुलाया जाता है. बता दें कि 4 लोगों की टीम का ढाक कहा जाता है. ये विसर्जन के दौरान परंपरागत तरीके से ढोल व झाल बजाते हैं.

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Tags: Bokaro news, Chaitra Navratri, Jharkhand news

FIRST PUBLISHED : April 01, 2023, 20:10 IST
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