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जिन्हें कहा गया ‘बेकार’, अब वही बनेंगे कोच...गिरिडीह के दो लड़के अब पूरे भारत को देंगे ट्रेनिंग

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Giridih taekwondo national coach: ताने झेले, संघर्ष किया, लेकिन झुके नहीं गिरिडीह के आकाश और नयन ने ताइक्वांडो नेशनल कोचिंग में चयन पाकर इतिहास रच दिया. जानिए इनकी प्रेरणादायक कहानी.

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कभी लोगों ने कहा “इससे कुछ नहीं होगा”, और आज वही लोग ताली बजाकर तारीफ कर रहे हैं. झारखंड के गिरिडीह जिले से आकाश कुमार स्वर्णकार और नयन भट्टाचार्य ने ताइक्वांडो की दुनिया में ऐसा मुकाम हासिल किया है, जो पहले कभी इस ज़िले के किसी खिलाड़ी ने नहीं पाया. दोनों का चयन राष्ट्रीय ताइक्वांडो कोचिंग के लिए हुआ है और अब वे देशभर में होने वाले किसी भी ताइक्वांडो टूर्नामेंट में कोच की भूमिका निभा सकेंगे.

गिरिडीह से नेशनल कोचिंग तक का सफर
धनबाद में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता और कोचिंग प्रोग्राम में भारत भर से लगभग 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता में ईरान के अंतरराष्ट्रीय कोच अब्बास शेखी भी शामिल हुए, जिन्होंने खिलाड़ियों को ताइक्वांडो की उन्नत तकनीकों की ट्रेनिंग दी.

इसी कठिन और प्रतिस्पर्धी माहौल में आकाश और नयन का चयन हुआ, जो कि गिरिडीह और झारखंड दोनों के लिए पहली बार है.

लोगों ने कहा बेकार है ये सब, लेकिन आज उन्हीं को जवाब मिला है
चयनित कोच आकाश कुमार स्वर्णकार ने लोकल18 से बातचीत में कहा कि यह केवल मेरी नहीं, मेरे कोच अमित स्वर्णकार और मेरे परिवार की जीत है. लोगों ने बहुत कुछ कहा, हंसी उड़ाई, लेकिन मैंने हार नहीं मानी. आज उसी जिद का नतीजा है ये उपलब्धि.

नयन ने 9 साल की उम्र से शुरू की थी ट्रेनिंग
नयन भट्टाचार्य ने बताया कि उन्होंने ताइक्वांडो की शुरुआत सिर्फ 9 साल की उम्र में कर दी थी.
“लोग कहते थे कि ये सब बेकार है, कुछ नहीं होगा. लेकिन मेरे माता-पिता और कोच ने कभी हार नहीं मानी. आज जो भी हूं, उन्हीं की वजह से हूं.”उन्होंने इस सफलता को अपने परिवार और कोच को समर्पित किया.

“बच्चों की मेहनत रंग लाई”
दोनों खिलाड़ियों के कोच और जिला ताइक्वांडो संघ के महासचिव अमित स्वर्णकार ने इस सफलता को “गिरिडीह के लिए गर्व का दिन” बताया.”इतने वर्षों की मेहनत, संघर्ष और आत्मविश्वास आज रंग लाया है. दोनों बच्चों ने कड़ी मेहनत की और कभी पीछे नहीं हटे. ये सिर्फ उनकी नहीं, पूरे जिले की जीत है.”

उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब झारखंड से किसी खिलाड़ी का चयन नेशनल लेवल कोचिंग के लिए हुआ है.

अब बनेगें कोच, तैयार करेंगे अगली पीढ़ी
अब आकाश और नयन को मौका मिलेगा कि वे देश के विभिन्न खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करें. यह न केवल उनके लिए सम्मान की बात है, बल्कि गिरिडीह के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जैसा है.

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तानों के बीच ताइक्वांडो में इतिहास! गिरिडीह के आकाश-नयन बने भारत के नेशनल कोच
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