रिपोर्ट : शशिकांत ओझा
पलामू. इस दुकान का न कोई नाम है और न कोई बोर्ड, लेकिन स्वाद ऐसा कि यहां के पेड़े के दीवाने दूर-दूर के लोग हैं. यहां रोजाना करीब 50 किलो दूध के पेड़े बनाए जाते हैं. यदि आप पेड़ा खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है और नहीं भी हैं, तो आपको यहां एक बार पेड़ा खाना चाहिए, शायद आपकी पसंद बदल जाए! पलामू ज़िला मुख्यालय से पांकी रोड पर करीब 8 किमी दूर महावीर मोड़ के पास एक झोपड़ीनुमा दुकान में बनने वाला यह पेड़ा कई मायनों में खास है.
दुकान चलाने वाले आनंद कुमार पेड़ा बनाते हैं. इसके लिए वह अपने गांव जमुने से दूध मंगाते हैं. लकड़ी की आंच पर करीब 3 घंटे तक दूध खौलाया जाता है. तब जाकर खोया तैयार होता है. इसके बाद चीनी मिलाकर इससे पेड़ा बनता है. उन्होंने बताया कि पेड़े की खासियत है कि यह गाय व भैस के शुद्ध दूध से बनता है. इसमें चीनी के अलावा और कुछ भी नहीं मिलाया जाता.
आनंद ने बताया कि इस दुकान की शुरुआत उनके पिता ने की थी. उसके बाद आनंद 1995 से यह दुकान चला रहे हैं. यहां का पेड़ा उनके पिता के समय से ही इलाके में काफी प्रसिद्ध है. सड़क से गुजरने वाले दूर-दराज के लोग भी यहां रुककर पेड़ा खरीदते हैं. वहीं कई लोग बाहर रह रहे रिश्तेदारों को भेजने के लिए भी पेड़ा ले जाते हैं. पेड़े की कीमत 400 रुपये प्रति किलो है. वहीं, एक पीस का दाम 10 रुपये है.
बता दें कि इस दुकान पर पेड़े के अलावा नाश्ता व चाय की भी व्यवस्था है. यहां सुबह 7 बजे से दिन में 11 बजे तक नाश्ता उपलब्ध होता है. नाश्ता 20 रुपये प्लेट मिलता है, जिसमें 4 कचौड़ियां व सब्जी दी जाती है. दोपहर के बाद समोसा भी बनाया जाता है. इसकी कीमत 7 रुपये पीस है. यहां चाय का दाम 5 रुपये प्याली है.
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