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Republic Day 2023: 94 साल पुरानी हैं 74 साल के गणतंत्र दिवस की जड़ें

Republic Day 2023: 94 साल पुरानी हैं 74 साल के गणतंत्र दिवस की जड़ें

भारत (India) साल 2023 में 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 15 अगस्त 1947 को आजादी हासिल करने के बाद 26 जनवरी 1950 को देश गणतंत्र (Republic) बना. इसी दिन देश में संविधान लागू किया गया था, लेकिन 26 जनवरी की तारीख के चयन के पीछे साल 26 जनवरी 1929 के दिन की अहमियत है यानि 94 साल पहले इसी दिन को भारत की स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के रूप में मनाने का फैसला किया था.

भारत के गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तारीख का चयन किया गया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

भारत के गणतंत्र दिवस (Republic Day) की तारीख का चयन किया गया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

हाइलाइट्स

26 जनवरी 1950 के देश में संविधान लागू हुआ था
इसी दिन भारत देश सही मायने में गणतंत्र बना था.
26 जनवरी की तारीख का चयन 1929 की घटनाओं के चलते किया गया था.

पूरा देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) मना रहा है. साल 1950 को आज ही के दिन भारत में नया संविधान (Constitution of India) लागू हुआ था और आजादी हासिल होने के ढाई साल बाद देश सही मायनों में गणतंत्र बना था. देश की आजादी के समय हमारे नेताओं को स्वतंत्रता दिवस की तारीख चुनने का विकल्प तो नहीं था, लेकिन देश का गणतंत्र दिवस का चयन जरूर किया गया था और इसकी वजह साल 1929 था, जब 26 जनवरी को कांग्रेस ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement of India) को लेकर कुछ अहम फैसले किए थे उसी दिन से 26 जनवरी देशवासियों के जहन में एक बड़ी तारीख हो गई थी.

26 जनवरी एक अहम तारीख
जी हां सच यही है कि गणतंत्र दिवस की तारीख को चुनने का विकल्प हमारे देश के नेताओं के पास था और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की समय की एक अहम तारीख 26 जनवरी को चुना क्योंकि 1929 की 26 जनवरी देश के स्वतंत्रता आंदोलन के समय की एक बड़ी अहम तारीख थी.

स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुनी गई थी तारीख
देश के नेताओं ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में 26 जनवरी 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का संकल्प लिया था और तय किया था कि देश अगले साल से यानि 26 जनवरी 1930 को देश का पहला स्वतंत्रता दिवस बनाएगा. इसी लिए 26 जनवरी को ही देश के गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया.

1920 का वह अहम दशक
दरअसल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में 1920 का दशक बहुत अहम है. गाधी जी के असहयोग आंदोलन ने देशवासियों को उनकी बहुत बड़ी क्षमता का अहसास कराया. लेकिन गांधी जी के इस आंदोलन के वापस लेने पर देश के जनमानस में निराशा और आक्रोश की स्थिति बन गई थी. जहां कुछ युवाओं ने क्रांतिकारी बन हिंसा का रास्ता अपना तो वहीं कांग्रेस में भी मतभेद सामने आए और सुभाषचंद्रबोस और जवाहरलाल नेहरू जैसे युवा नेताओं में एक नया मानस पनपा.

भारत के पहले गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर नई संवैधानिक सरकार का गठन हुआ था. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

साइमन कमीशन और नेहरू रिपोर्ट
उथल पुथल के दौर चले, साइमन कमीशन का विरोध, लाला लाजपत राय की मौत, जैसी घटनाओं देश में बेचैनी बढ़ा दी थी. वहीं साइमन कमीशन के जवाब में कांग्रेस में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई जिसकी रिपोर्ट नेहरू रिपोर्ट के नाम से मशहूर हुई. इस रिपोर्ट में ब्रिटिश साम्राज्य के तहत ही भारत को स्वशासन देने की मांग की गई थी. इसे डोमियन स्टेटस कहा जाता है.

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स्वशासन नहीं पूर्ण स्वराज
बड़ी बात ये थी कि उस नेहरू रिपोर्ट का कांग्रेस में ही जमकर विरोध हुआ और अंग्रेजों ने भी इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद 1929 के कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस के युवा नेताओं जिसमें जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे, ने प्रस्ताव रखा कि अब देश के लोगों को पूर्ण स्वराज की मांग करनी चाहिए. इस अधिवेशन की अध्यक्षता खुद जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे.

जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की अध्यक्षता में ही 26 जनवरी 1929 को पूर्ण स्वराज का लक्ष्य तय किया था. (फाइल फोटो)

26 जनवरी कैसे बनी अहम तारीख
इस अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज हासिल करने का संकल्प लिया और 26 जनवरी 1930 से हर साल देश में स्वतंत्रता दिवस मनाने का संकल्प लिया गया और उस दिन यह दिन मनाया भी गया. इसके बाद से पूर्ण स्वराज की मांग स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा होता गया और भारतीय संविधान को लागू करते समय 26 जनवरी के एतिहासिक महत्व को देखते हुए 26 जनवरी 1950 का दिन ही गणतंत्र दिवस के रूप में निश्चित हो गया.

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इस तरह से 26 जनवरी 1950 से भारत का संविधान लागू हो गया और डॉ राजेंद्र प्रसाद देश के प्रमुख यानि राष्ट्रपति बने और देश में संसदीय व्यवस्था लागू हो गई जिसके तहत 1951 में देश के पहले चुनाव हुए. तब से हर साल देश में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और नई दिल्ली में भारतीय सेना और पुलिस  एंव सुरक्षा बलों के जवानों की परेड़ होती है जिसमें भारतीय टैंक मिसाइल आदि भी शामिल किए जाते हैं. इस परेड की सलामी देश के राष्ट्रपति लेते हैं.

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Tags: Freedom Movement, History, Independence day, India, Republic day, Research

FIRST PUBLISHED : January 26, 2023, 06:44 IST