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गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर ही क्‍यों होती है, कहां हुई पहली बार परेड, कब शामिल हुईं झांकियां

गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर ही क्‍यों होती है, कहां हुई पहली बार परेड, कब शामिल हुईं झांकियां

Republic Day 2023 - देश का पहला गणतंत्र दिवस समारोह तो इरविन स्‍टेडियम में आयोजित कर लिया गया, लेकिन तब तक इसके लिए कोई एक जगह तय नहीं की गई थी. इसके बाद गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन अलग-अलग जगहों पर किया गया.

गणतंत्र दिवस 2023 परेड में 23 झांकियां शामिल की गई हैं.

गणतंत्र दिवस 2023 परेड में 23 झांकियां शामिल की गई हैं.

Republic Day 2023: देश में जब 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ तो इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया. डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्‍ट्रपति बने. इसके बाद उन्‍होंने भारत को पूर्ण गणतंत्र राष्‍ट्र घोषित किया. इस साल हम अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे. इस मौके पर हर साल की तरह कर्त्‍तव्‍य पथ (पहले राजपथ) पर परेड का आयोजन होगा. बता दें कि परेड शुरुआत से ही राजपथ पर नहीं होती थी. फिर कहां होती थी गणतंत्र दिवस पर परेड? कब परेड में राज्‍यों की ओर से झांकियों को शामिल किया गया? परेड का रास्‍ता कितना लंबा है? हम बता रहे हैं गणतंत्र दिवस से जुड़ी कुछ दिलचस्‍प जानकारियां.

संविधान लागू होने के बाद देश को पहले राष्‍ट्रपति मिले. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद दिल्‍ली के पुराना किला के सामने मौजूद इरविन स्‍टेडियम में पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा झंडा फहाया और परेड की सलामी ली. फिर गणतंत्र दिवस पर सार्वजनिक अवकाश का ऐलान भी किया. इस दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू और गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी भी मौजूद थे. पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्‍य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति सुकर्णो को आमंत्रित किया गया था. बता दें कि इरविन स्‍टेडियम को पहले नेशनल स्‍टेडियम और फिर मेजर ध्‍यानचंद नेशनल स्‍टेडियम नाम दिया गया.

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26 जनवरी 1950 को पहले गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजपथ पर नहीं हुआ था. (फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमंस)

पांचवीं बार में तय हुई परेड की स्‍थायी जगह
देश का पहला गणतंत्र दिवस समारोह तो इरविन स्‍टेडियम में आयोजित कर लिया गया, लेकिन तब तक इसके लिए कोई एक जगह तय नहीं की गई थी. इसके बाद गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन लाल किला, किंग्‍सवे कैंप, रामलीला मैदान में आयोजित होता रहा. आखिर में साल 1955 में पहली बार राजपथ पर परेड का आयोजन हुआ. तब से अब तक इसी जगह पर गणतंत्र दिवस परेड होती है. गणतंत्र दिवस परेड का रास्ता 5 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा होता है. यह राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से शुरू होती है. फिर इंडिया गेट से होते हुए लाल किले पर जाकर पूरी होती है.

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पहले दी जाती थी 30 तोपों की सलामी
देश के प्रथम राष्‍ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जब 26 जनवरी 1950 को इरविन स्‍टेडियम में गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया तो उन्‍हें 30 तोपों की सलामी दी गई. बाद में इस मौके पर 21 तोपों की सलामी दी जाने लगी. ये सलामी भारतीय सेना की 7 खास तोपों से दी जाती है. इन तोपों को पॉन्डर्स कहते हैं. पॉन्‍डर्स तोपें 1941 में बनी थीं. इन्‍हें सेना के सभी औपचारिक कार्यक्रमों में शामिल करने का रिवाज है. इसे कभी नहीं बदला गया.

गणतंत्र दिवस परेड में पहले राज्‍यों की झांकियां शामिल नहीं की गई थीं.

गणंत्र दिवस के मौके पर परेड क्‍यों होती है?
गणतंत्र दिवस की परेड में देश के राष्ट्रपति ध्‍वजारोहण करते हैं. उन्‍हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है. इस कार्यक्रम में देश ही नहीं दुनियाभर से कुछ खास मेहमान मौजूद रहते हैं. खास लोगों के साथ हजारों लोग राजपथ पर पहुंचते हैं. ऐसे में देश के शक्ति, साहस, शौर्य, पराक्रम, विकास, विविध रंग का प्रदर्शन करने के लिए परेड का आयोजन किया जाता है. इस दौरान तीनों सेनाओं के अलावा एनसीसी और विभिन्‍न बलों के जवान परेड में हिस्‍सा लेते हैं.

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झांकियां परेड में कब की गईं शामिल?
पहली बार गणतंत्र दिवस के आयोजन में परेड के साथ झांकियां शामिल नहीं की गई थीं. सबसे पहली बार 26 जनवरी 1953 को सेना और अन्‍य बलों के साथ राज्‍यों की झांकियों को भी परेड में शामिल किया गया. इन झांकियों में सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही आदिवासी लोकनृत्‍यों का भी लोगों ने आनंद लिया. इसके बाद से लगातार राज्‍यों की झांकियों को चुनकर परेड में शामिल किया जाता है. परेड में शामिल सभी झांकियां 5 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं. इससे सभी झांकियों के बीच निश्चित दूरी बनी रहती है. इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 23 झांकियां शामिल होंगी.

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Tags: Draupadi murmu, India Navy, Indian air force, Indian army, Pm narendra modi, Republic day, Republic Day Celebration, Republic Day Parade

FIRST PUBLISHED : January 25, 2023, 14:22 IST
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