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दिल्‍ली के इन इलाकों में रहना जानलेवा, फैल रही फेफड़ों की गंभीर बीमारी, ICMR रिसर्च में दावा

दिल्‍ली के इन इलाकों में रहना जानलेवा, फैल रही फेफड़ों की गंभीर बीमारी, ICMR रिसर्च में दावा

COPD in Delhi: दिल्‍ली के कुछ इलाकों में फेफड़ों की दो प्रमुख बीमारियां क्रॉनिक ऑब्‍सट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज यानि सीओपीडी (COPD) और ब्रोन्कियल अस्‍थमा (Bronchial Asthma) तेजी से फैल रही हैं. आईसीएमआर एनआईआईआरएनसीडी द्वारा दिल्‍ली के 8510 घरों के 40040 हजार लोगों पर हुए सर्वे में 443 लोग सीओपीडी के संदिग्‍ध मिले. जबकि 394 लोगों में इस रोग की पुष्टि हुई है.

Lung Disease COPD in delhi: दिल्‍ली के कुछ इलाकों में रहना सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं बल्कि जानलेवा हो रहा है. इन इलाकों में फेफड़ों की गंभीर बीमारी सीओपीडी बढ़ रही है. आईसीएमआर की रिसर्च में दावा किया गया है.

Lung Disease COPD in delhi: दिल्‍ली के कुछ इलाकों में रहना सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं बल्कि जानलेवा हो रहा है. इन इलाकों में फेफड़ों की गंभीर बीमारी सीओपीडी बढ़ रही है. आईसीएमआर की रिसर्च में दावा किया गया है.

हाइलाइट्स

दिल्‍ली में प्रदूषण का फेफड़ों पर गंभीर और बुरा असर पड़ रहा है.
राजधानी के इंडस्ट्रियल इलाकों में सीओपीडी के मरीज बढ़ रहे हैं.

COPD in Delhi: राजधानी दिल्‍ली में बसना कौन नहीं चाहता लेकिन यहां रहना दिनों-दिन हेल्‍थ के लिए नुकसानदेह होता जा रहा है. दिल्‍ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां फेफड़ों की गंभीर बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. ऐसे में यहां रहना न केवल जानलेवा हो सकता है बल्कि यह हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल को भी प्रभावित कर रहा है. आईसीएमआर के जोधपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इम्पलीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज (NIIRNCD) सहित एनईईआरआई (NEERI) नागपुर, आईआईटी दिल्‍ली, दिल्‍ली यूनिवर्सिटी और बोस्‍टन के हेल्‍थ इफैक्‍ट इंस्‍टीट्यूट सह‍ित कुल 6 संस्‍थानों की ओर से की गई स्‍टडी कम रिसर्च में यह बात सामने आई है.

इस रिसर्च-स्‍टडी के प्रमुख लेखक और एनआईआईआरएनसीडी के निदेशक और कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अरुण शर्मा न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि दिल्‍ली के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां फेफड़ों की दो प्रमुख बीमारियां क्रॉनिक ऑब्‍सट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज यानि सीओपीडी (COPD) और ब्रोन्कियल अस्‍थमा (Bronchial Asthma) फैल रही हैं. दिल्‍ली के 8510 घरों के 40040 हजार लोगों पर हुए सर्वे में 443 लोग सीओपीडी के संदिग्‍ध मिले. जबकि 394 लोगों में इस रोग की पुष्टि हुई. ऐसे में दिल्‍ली में प्रति 1000 लोगों में से 9.8 लोगों में सीओपीडी मिली है. वहीं खास बात है कि सीओपीडी की मौजूदगी पूरी दिल्‍ली में एक जैसी नहीं है बल्कि बल्कि कुछ इलाके हॉटस्‍पॉट हैं जहां फेफड़ों पर यह संकट मंडरा रहा है.

क्‍या है सीओपीडी

क्रॉनिक ऑब्‍सट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज यानि सीओपीडी (COPD)में लंग्‍स के वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं. लिहाजा सांस लेने में दिक्‍कत होती है. इस स्थिति में ऑक्‍सीजन तो अंदर पहुंच जाती है लेकिन शरीर के अंदर से कार्बन डाई ऑक्‍साइड बाहर नहीं निकल पाती और व्‍यक्ति का दम घुटने लगता है. इस बीमारी के बढ़ने पर मरीज की मौत हो जाती है.

क्‍या है ब्रोंकियल अस्‍थमा

ब्रोंकियल अस्‍थमा (Bronchial Asthma) एक दीर्घकालिक बीमारी है जो लंग्‍स के वायुमार्ग में परेशानी और सूजन का कारण बनती है. जिसके चलते मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है और जोर लगाना पड़ता है. यह बीमारी होने पर खांसी, सांस लेने में घरघराहट, सीने में तकलीफ होती है.

ये हैं सीओपीडी के हॉटस्‍पॉट, यहां रहना है जानलेवा

रिसर्च में पाया गया है कि दिल्‍ली में उत्‍तर पूर्वी दिल्‍ली स्थित दिलशाद गार्डन का इलाका, जहांगीर पुरी का कुछ इलाका, दिल्ली के सभी इंडिस्ट्रियल इलाके,  एमआईजी कॉलोनीज और लगभग सभी जेजे कॉलोनी यानि झुग्‍गी-झोंपड़ी वाले इलाकों में खासतौर पर सीओपीडी और ब्रोन्कियल अस्थमा की बीमारी बढ़ रही है. दिल्‍ली में कुल 27 अप्रूव्‍ड इंडस्ट्रियल इलाके हैं, जहां औद्योगिक गतिविधियां चलती हैं. इनमें 27 इलाकों में नरेला, बवाना, समयपुर बादली, नारायणा, तिलक नगर, आनंद पर्वत, नजफगढ़, ओखला, मायापुरी, आनंद पर्वत, मंगोलपुरी आदि शामिल हैं. रिसर्च में देखा गया है कि इंडिस्ट्रियल इलाकों में रहने वाले लोगों में सीओपीडी होने की संभावना अन्‍य लोगों के मुकाबले ज्‍यादा है. जबकि दक्षिण और पूर्वी दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों में लोगों में सीओपीडी बहुत कम देखी गई.

बीमारियों की ये है वजह

रिसर्च के दौरान दिल्‍ली के घरों की एयर क्‍वालिटी को भी जांचा गया था, इसमें घरों में क्रॉस वेंटिलेशन, धूल की मौजूदगी और मात्रा, कीड़े-मकोड़े, घरों में पैदा होने वाले सॉलिड और जैविक वेस्‍ट का डिस्‍पोजल और खाना बनाने में इस्‍तेमाल होने वाले ईंधन को आधार बनाया गया था. वहीं दूसरे प्रश्‍नपत्र में परिवार में किसी सदस्‍य को सीओपीडी है या नहीं, व्‍यक्ति कितने सालों से दिल्‍ली के उस इलाके में रह रहा है, इन सब चीजों की जानकारी ली गई. डॉ. अरुण शर्मा कहते हैं कि सीओपीडी के लिए इन सब चीजों के अलावा जो बड़ी चीज है वह है दिल्‍ली का प्रदूषण. दिल्‍ली में दिनों-दिन बढ़ता प्रदूषण, जहरीली होती हवा, खराब पर्यावरण इन बीमारियों की वजह होना संभव है.

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Tags: Delhi air pollution, Delhi news, ICMR, Research

FIRST PUBLISHED : January 25, 2023, 14:31 IST
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