आज के दौर में रोटी और परांठे लोग ज्यादातर गेहूं के आटे के ही बने खाना पसंद करते हैं. कभी-कभी टेस्ट बदलने के चलते लोग मिस्सी और मक्के की रोटी भले ही खा लें, लेकिन बाजरा (Millet), कुट्टू (Buckwheat) और रागी (Ragi) के आटे के परांठे या रोटी शायद ही शहरों के किसी घर में खाई जाती हो. हां, व्रत के दिनों में कुट्टू का आटा सिर्फ इसलिए ज़रूर खा लिया जाता है, क्योंकि वो फलाहार में आता है. लेकिन अगर गांव की बात करें, तो बाजरा, कुट्टू और रागी के आटे की रोटी, परांठे कई घरों में आज भी बनते दिख जायेंगे. इसकी खास वजह ये है, कि गांव में इन चीज़ों की खेती होने के चलते, वो इनमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जाने या न जाने, लेकिन इतना जो जानते ही हैं, कि इनके आटे से बनी रोटी और पराठे सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. क्या आपको पता है, कि बाजरा, कुट्टू और रागी के आटे की रोटी-पराठे खाने से हमारे शरीर को कितने पोषक तत्व मिलते हैं? ये सेहत के लिए कितने फायदेमंद है? आइये हम बताते हैं कि इन तीनों के आटे से बनी रोटी-पराठों का सेवन आपको क्यों करना चाहिए.
इसलिए है बाजरे का आटा फायदेमंद
बाजरे में काफी मात्रा में कैल्शियम, मैगनीज, फास्फोरस, फाइबर, विटामिन बी, मैग्नीशियम और कई तरह के एंटीआक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. बाजरे से बनी रोटियां और पराठे खाने से आपके शरीर को पोषण और ऊर्जा तो मिलती ही है. इसमें कैल्शियम की मात्रा काफी होने की वजह से हड्डियां भी मज़बूत होती हैं. इसके साथ ही बाजरे में नियासिन नाम का विटामिन भी पाया जाता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा भी कम होता है. क्योंकि इसमें पोटैशियम और मैग्नीशियम की मात्रा भी पायी जाती है, इसलिए ये ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी सहायता करता है. पाचन क्रिया को भी ये दुरुस्त रखता है, जिससे गैस और कब्ज़ जैसी दिक्कत भी नहीं होने पाती है.
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कुट्टू में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, जिंक, कॉपर, आयरन, फास्फोरस, फाइबर, फोलेट, पोटैशियम, प्रोटीन, नियासिन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. ये हड्डियों और दांतों को तो मज़बूती देते ही हैं. इसके साथ ही इसमें मौजूद अल्फा लाइनोलेनिक एसिड होता है,जो बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. साथ ही इसमें मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट रूटीन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होता है. इसमें अघुलनशील फाइबर भी काफी मात्रा में होता है, जो गॉलब्लैडर में पथरी होने की दिक्कत कम करता है.
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रागी में आयरन, कैल्शियम, मेथोनाइन, अमीनो अम्ल, सोडियम, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, फाइबर, फॉस्फोरस, प्रोटीन, आयोडीन और कैरोटीन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. कैल्शियम की मात्रा काफी होने की वजह से इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. साथ ही एमिनो एसिड होने की वजह से ये स्किन को एजिंग से बचाता है. इसमें मौजूद आयरन शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है. मानसिक तनाव की स्थिति में भी ये राहत पहुंचाता है. रागी का आटा वजन कम करने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी सहायक है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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