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Basant panchami 2023: 'वर दे, वीणावादिनि वर दे' सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की सरस्वती वंदना

Basant panchami 2023: 'वर दे, वीणावादिनि वर दे' सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की सरस्वती वंदना

वसंत पंचमी के दिन हर तरफ सरस्वती पूजा की गूंज होती है. उत्तर भारत खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में सरस्वती पूजा विशेष तौर पर मनाई जाती है. और जब बात सरस्वती पूजा की होती है वहां सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की सरस्वती वंदना का जिक्र भी होता है. अधिकांश साहित्यिक आयोजन निराला जी की सरस्वती वंदना से ही शुरू होते हैं.

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को 'वसंत पंचमी' और 'सरस्वती पूजा' के रूप में मनाया जाता है.

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को 'वसंत पंचमी' और 'सरस्वती पूजा' के रूप में मनाया जाता है.

वर दे, वीणावादिनि वर दे!

प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव

भारत में भर दे!

काट अंध-उर के बंधन-स्तर

बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;

कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर

जगमग जग कर दे!

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव

नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;

नव नभ के नव विहग-वृंद को

नव पर, नव स्वर दे!

वर दे, वीणावादिनि वर दे.

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Tags: Hindi Literature, Hindi poetry, Hindi Writer, Literature, Poem

FIRST PUBLISHED : January 26, 2023, 08:00 IST