एक
तुम धूल हो—पैरों से रौंदी हुई धूल।बेचैन हवा के साथ उठो,आंधी बनउनकी आंखों में पड़ोजिनके पैरों के नीचे हो।
ऐसी कोई जगह नहींजहां तुम पहुंच न सको,ऐसा कोई नहींजो तुम्हें रोक ले।तुम धूल होपैरों में रौंदी हुई धूल,धूल से मिल जाओ।
दो
तुम धूल होजिंदगी की सीलन सेदीमक बनो।
रातों-रातसदियों से बंद इनदीवारों कीखिड़कियांदरवाजेऔर रोशनदान चाल दो।
तुम धूल होज़िंदगी की सीलन से जन्म लोदीमक बनो, आगे बढ़ो।
एक बार रास्ता पहचान लेने परतुम्हें कोई ख़त्म नहीं कर सकता।
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