रिपोर्ट: अनुज गौतम
सागर: जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2622वां जन्म कल्याणक महोत्सव 3 अप्रैल को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. बुंदेलखंड सहित सागर जिले में भी इसको लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं. सागर में जैन समाज के 65 भव्य मंदिर हैं, जिनमें से एक मंगलगिरि तीर्थ क्षेत्र भी है. यहां महावीर स्वामी की खड़गासन में 11 फीट की प्रतिमा है जो पीतल से बनी हुई है.
बताया जाता है कि यह प्रतिमा बुंदेलखंड की सबसे बड़ी महावीर की प्रतिमा है. खास बात यह है कि करीब 25 साल मंगलगिरि कमेटी की अपील पर पूरे देश के जैन अनुयायियों द्वारा पीतल के बर्तन एकत्रित किए गए थे. जिसके बाद करीब 10,000 किलो धातु एकत्रित हुई थी. इससे 10 टन की प्रतिमा का निर्माण कराया गया था. प्रतिमा के पंचकल्याणक साल 2000 में हुए थे. 60 एकड़ भूमि में बने मंगलगिरि तीर्थ क्षेत्र में लगातार विकास के काम हो रहे हैं. चार और नए मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा है.
‘ये भगवान महावीर का चमत्कार है’
भगवान महावीर स्वामी के पंचकल्याणक के बाद भगवान बासु और मुनि सुब्रत नाथ की प्रतिमा भी पत्थर से निर्मित होने के बाद इनके पास स्थापित की गई थी. इसको लेकर प्रमोद जैन बारदाना बताते हैं कि जैसे-जैसे दिन निकल रहे हैं, वैसे-वैसे भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा में निखार आता जा रहा है. पीतल आमतौर पर पुराना होने के बाद काला पड़ने लगता है, लेकिन यह भगवान का चमत्कार ही है कि इसमें सोने जैसा निखार आ रहा है.
बढ़ रही है ख्याति
बुंदेलखंड में कोई भी साधु संत आता है तो वह बिना मंगलगिरि में भगवान के दर्शनों के नहीं जाता है, यहां से निकलने वाले जैन समाज के लोग भी एक बार मंगलगिरि जरूर आते हैं. दिन-ब-दिन मंगलगिरि की ख्याति बढ़ती जा रही है. भविष्य में यह देश का प्रसिद्ध तीर्थंकर बनेगा. जैन श्रद्धालु सुनील जैन ने बताया कि अंबेडकर वार्ड में 60 एकड़ भूमि पर जैन धर्म का अतिशय क्षेत्र मंगलगिरि विकसित हो रहा है.
.
Tags: Bundelkhand news, Mp news, Sagar news