राफेल डील पर एयरफोर्स चीफ ने किया सरकार का समर्थन, कहा- भारत के सामने है गंभीर खतरा
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ ने कहा कि चीन लगातार अपनी वायुसेना को मज़बूत कर रहा है. हमारे विरोधियों के विचार रातों-रात बदल सकते हैं, इसलिए हमें भी अपने विरोधियों जितनी ताकत जुटानी होगी.
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ ने विवादित राफेल डील के मुद्दे पर सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम एयर फोर्स के लड़ाकू विमानों के घटते बेड़े को बढ़ाने के लिए किया गया है. धनोआ ने 'आईएएफ फोर्स स्ट्रक्चर 2035' सेमिनार में अपने संबोधन के दौरान कहा कि राफेल फायटर जेट और एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को उपलब्ध करा कर भारतीय वायुसेना को और भी मज़बूती प्रदान की है.

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धनोआ ने कहा कि जिस तरह का खतरा भारत के सामने है, वैसा किसी और देश के सामने नहीं है. हमारे पड़ोसी देश हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए नहीं हैं. चीन लगातार अपनी वायुसेना को मज़बूत कर रहा है. हमारे विरोधियों के विचार रातों-रात बदल सकते हैं, इसलिए हमें भी अपने विरोधियों जितनी ताकत जुटानी होगी.
एयफोर्स चीफ का बयान ऐसा समय आया है, जब सरकार के ऊपर आरोप लग रहे थे कि राफेल डील में वह खुद को बचाने के सैन्य अधिकारियों का इस्तेमाल कर रही है. मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले में पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से दोषी हैं.
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वायुसेना के उपप्रमुख एयरमार्शल एसबी देव ने भी इस डील का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि यह बहुत ही बेहतरीन एयरक्राफ्ट है और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनको इसे खरीदने के पूरे नियमों के बारे में पहले जानना चाहिए.
पीएम मोदी ने 10 अप्रैल 2015 में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों सरकारों के बीच 58 हज़ार करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था.

