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जागो ग्राहक जागो! बस कंडक्टर की 1 रुपये की बेईमानी पड़ी भारी, शख्स को मिला 3000 का मुआवजा, जानें दिलचस्प केस

जागो ग्राहक जागो! बस कंडक्टर की 1 रुपये की बेईमानी पड़ी भारी, शख्स को मिला 3000 का मुआवजा, जानें दिलचस्प केस

रमेश नाइक ने 29 रुपये किराये के लिए बस कंडक्टर को 30 रुपये दिए, लेकिन जब उसने अपने 1 रुपये वापस मांगे तो उनका मज़ाक उड़ाया गया और वह 1 रुपया भी नहीं लौटाया गया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा यह ग्राहक का अधिकार है कि वह बकाया राशि प्राप्त करे, भले ही वह 1 रुपये ही क्यों न हो. इसके साथ ही कोर्ट ने बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) को उस व्यक्ति को 3,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

बेंगलुरु की एक उपभोक्ता अदालत ने 1 रुपये की इस लड़ाई में बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) को उस व्यक्ति को 3,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. (प्रतीकात्मक- News18)

बेंगलुरु की एक उपभोक्ता अदालत ने 1 रुपये की इस लड़ाई में बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) को उस व्यक्ति को 3,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. (प्रतीकात्मक- News18)

बेंगलुरु. आज के दौर में 1 रुपये बेहद मामूल रकम लगती है, लेकिन इसी 1 रुपये के लिए एक शख्स अदालत तक जा पहुंचा और वहां से उसे बड़ी जीत भी मिली. बेंगलुरु की उपभोक्ता अदालत ने 1 रुपये की इस लड़ाई में बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) को उस व्यक्ति को 3,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रमेश नाइक एल 11 सितंबर, 2019 को शांतिनगर बस डिपो से मैजेस्टिक तक रूट 360बी पर बीएमटीसी की वॉल्वो बस में सवार हुए. सफर पूरी करने पर नाइक ने महिला बस कंडक्टर को 29 रुपये किराये के लिए 30 रुपये दिए. लेकिन जब उसने अपने 1 रुपये वापस मांगे तो उनका मज़ाक उड़ाया गया और वह 1 रुपया भी नहीं लौटाया गया.

शिकायत करने पर उड़ाया गया मज़ाक
रिपोर्ट के अनुसार, तुमकुरु के रहने वाले नाइक ने जब बीएमटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से बस कंडक्टर की शिकायत की तो वहां भी उनका मज़ाक उड़ाया गया. इसके बाद उन्होंने बीएमटीसी और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ केस करने का मन बना लिया. नाइक ने फिर बंगलौर चतुर्थ अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, शांतिनगर में ‘सेवा में कमी और उसके साथ किए गए दुर्व्यवहार को लेकर 15,000 रुपये मुआवजे’ की मांग करते हुए मुकदमा दायर कर दिया.

इसे मामले पर तीन साल तक अदालती लड़ाई चलती रही. कोर्ट में बीएमटीसी की ओर से पेश वकील ने शिकायत को तुच्छ बताते हुए सारे आरोपों से इनकार किया. हालांकि अदालत ने 31 जनवरी, 2023 को नाइक के पक्ष में फैसला सुनाया.

बकाया राशि लेना ग्राहक का अधिकार
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘यह ग्राहक का अधिकार है कि वह बकाया राशि प्राप्त करे, भले ही वह 1 रुपये ही क्यों न हो. बीएमटीसी की खामियों के चलते उसे ग्राहक संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत उचित मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है.’

उपभोक्ता अदालत के जजों ने यह भी कहा कि ‘शिकायत वास्तव में मामूली थी, लेकिन बीएमटीसी बस कंडक्टर का व्यवहार ‘अस्वीकार्य’ है. अदालत ने फैसला सुनाया कि बीएमटीसी के प्रबंध निदेशक नाइक को हुई परेशानी के लिए 2000 रुपये का मुआवजा देने के अलावा उनका 1 रुपये वापस करना होगा.

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इस मुकदमेबाजी में हुए खर्च के एवज में नाइक को 1,000 रुपये का भुगतान किया जाए. अदालत ने यह भी कहा कि सभी राशियों का भुगतान 45 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए और समयसीमा को पूरा करने में विफल रहने पर जुर्माना लगाया जाएगा.

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Tags: Bus Operator, Bus Services, Consumer forum

FIRST PUBLISHED : February 26, 2023, 05:17 IST
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