लेटेस्ट खबरेंमनीअजब-गजबक्रिकेटआईपीएल 2023वेब स्टोरीजफूडमनोरंजनफोटोकरियर/ जॉब्सलाइफस्टाइलहेल्थ & फिटनेसशॉर्ट वीडियोनॉलेजलेटेस्ट मोबाइलप्रदेशपॉडकास्ट दुनियाराशिNews18 Minisसाहित्य देशक्राइमLive TVकार्टून कॉर्नर#GiveWingsToYourSavings#MakeADent #RestartRight #HydrationforHealthCryptocurrency

ट्रेंडिंग

और भी पढ़ें
होम / न्यूज / राष्ट्र /

सरकार ने लोकसभा में पेश किया वन संरक्षण संशोधन विधेयक, विपक्ष ने किया हंगामा

सरकार ने लोकसभा में पेश किया वन संरक्षण संशोधन विधेयक, विपक्ष ने किया हंगामा

Forest Conservation Amendment Bill 2023: लोकसभा में हंगामे के बीच सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 लोकसभा में पेश किया है. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधेयक पेश किया. वन संरक्षण अधिनियम-1980 में संशोधन करने वाले इस विधेयक को केंद्रीय मंत्री ने संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा और सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. विधेयक को चर्चा के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया.

लोकसभा में हंगामे के बीच सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 लोकसभा में पेश किया है.(पीटीआई फाइल फोटो)

लोकसभा में हंगामे के बीच सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 लोकसभा में पेश किया है.(पीटीआई फाइल फोटो)

नई दिल्ली. लोकसभा में हंगामे के बीच सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 लोकसभा में पेश किया है. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधेयक पेश किया. वन संरक्षण अधिनियम-1980 में संशोधन करने वाले इस विधेयक को केंद्रीय मंत्री ने संसद की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा और सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इसके बाद विधेयक को चर्चा के लिए दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया. समिति में 19 लोकसभा सदस्य, 10 राज्यसभा सदस्य और दो सदस्य लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किए जाते हैं. सरकार के अनुसार बिल विभिन्न भूमि पर वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 की प्रयोज्यता के दायरे को स्पष्ट करना चाहता है. यह 2030 तक अतिरिक्त 2.5-3.0 बिलियन टन CO2 समतुल्य के कार्बन सिंक के निर्माण के लिए वन आवरण को बढ़ाने के भारत के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अधिनियम के बिंदुओं को और व्यापक बनाना चाहता है.

नए ड्राफ्ट में इस अधिनियम के दायरे से भूमि की कुछ श्रेणियों को छूट देने का भी प्रस्ताव है, ताकि राष्ट्रीय महत्व की रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा सके. सार्वजनिक सड़कों और रेलवे के किनारे छोटे प्रतिष्ठानों, बस्तियों तक पहुंच प्रदान की जा सके और गैर वन भूमि पर भी वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जा सके. इस विधेयक में वनों के संरक्षण, उनकी जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की देश की समृद्ध परंपरा को इसके दायरे में शामिल करने के लिए अधिनियम की प्रस्तावना सम्मिलित करने का प्रस्ताव है.

पेश किए गए अधिनियम में कई नए प्रावधान हैं. इसके तहत प्रस्तावित छूटों पर विचार करते हुए भूमि पर किए गए पेड़ों की कटाई की भरपाई के लिए पेड़ लगाने की शर्त सहित कई नियम और शर्तें दी गई हैं. यह वन और वन्य जीवन के संरक्षण के लिए और अधिक गतिविधियों को वानिकी गतिविधियों की श्रेणी में शामिल करने और सरकारी और निजी संस्थाओं के संबंध में अधिनियम के प्रावधानों की प्रयोज्यता में एकरूपता लाने का प्रयास करता है. यह केंद्र सरकार को नियमों और शर्तों को निर्दिष्ट करने का अधिकार भी देता है, जिसके अधीन किसी भी सर्वेक्षण, जैसे कि टोही, पूर्वेक्षण, जांच या भूकंपीय सर्वेक्षण सहित अन्वेषण को गैर-वन उद्देश्य के रूप में नहीं माना जाएगा.

.

Tags: BJP, Environment news, Lok sabha, New Delhi news

FIRST PUBLISHED : March 30, 2023, 17:52 IST
अधिक पढ़ें