नई दिल्ली. मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत खत्म हुई है. मौजूदा स्थिति में राहुल गांधी अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे में देश की राजनीति के लिए बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि साल 2024 में कांग्रेस पार्टी के भीतर और विपक्ष की तरफ से भी पीएम नरेंद्र मोदी के सामने मुकाबले में कौन चेहरा सामने आएगा. मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एनसीपी नेता शरद पवार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पं बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जैसे कुछ नाम हैं, जो पीएम मोदी के सामने चेहरा बन सकते हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2024 की रेस से बाहर हो गए हैं. राहुल गांधी के नहीं होने से विपक्ष की तरफ से कई दावेदार सामने आ सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सामने भी विपक्षी एकता को बनाए रखने और पीएम मोदी के सामने एक मजबूत चेहरा देने की चुनौती होगी. कांग्रेस को अब किसी ऐसे चेहरे को स्वीकार करना ही पड़ेगा, जो राहुल गांधी के भविष्य की राजनीति के लिए खतरा न हो. इस नजरिए से देखें तो कांग्रेस के अंदर मंथन शुरू होने वाला है कि विपक्ष के किस नेता को चेहरा बनाने पर राहुल गांधी की भविष्य की राजनीति सुरक्षित रहेगी.
पीएम मोदी के सामने कौन टिकेगा?इस नजरिए से देखें तो एक बार फिर से देश में थर्ड फ्रंट बनता हुआ नजर आ रहा है. हाल ही में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर थर्ड फ्रंट की वकालत की थी. जानकारों की मानें तो वर्तमान स्थिति में इस फ्रंट की स्वभाविक नेता ममता बनर्जी हैं. लेकिन, राहुल गांधी की अनुपस्थिति में क्या 2024 के पीएम कैंडिडेट के जो बाकी दावेदार हैं वो ममता के नाम पर सहमत होंगे?
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कांग्रेस की रजामंदी विपक्षी उम्मीदवार के लिए अहम?बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव पिछले कुछ दिनों से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ हमलावर हैं. देश की कई राजनीतिक पार्टियां केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर मोदी सरकार को घेर रही है. नीतीश कुमार को इस विषय पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का भी साथ मिल रहा है और आरजेडी तो सरकार में ही है. अरविंद केजरीवाल भी अपने दो मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद पीएम मोदी पर हमलावर हो गए हैं. दिल्ली में पोस्टरवार पर केजरीवाल खुलकर मोदी का विरोध कर रहे हैं.
अब विपक्षी दलों में एकता की होगी परीक्षाऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर कांग्रेस विपक्ष के किसी एक चेहरे पर राजी भी हो जाती है तो विपक्षी दलों के अंदर क्या उस चेहरे पर मुहर लगेगी? आने वाले दिनों में शरद पवार भी राष्ट्रीय राजनीति में अपना दमखम दिखाएंगे. हालांकि, उनका स्वास्थ्य विपक्ष का चेहरा बनने में खलल डाल सकता है. इसी तरह अखिलेश यादव की राजनीतिक कद और चंद्रेशेखर राव की सीमित दायरा उनके लिए परेशानी पैदा कर सकता है. ऐसे में जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल अगले कुछ दिनों में अपना रोल बदलेंगे.
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कुलमिलाकर राहुल गांधी की अनुपस्थिति में विपक्ष की तरफ से निर्विवाद चेहरा निकलकर सामने आना मुश्किल नजर आ रहा है. ऐसे में यह भी कहना अभी जल्दबाजी होगी कि मोदी के सामने 2024 में विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा और क्या उसको कांग्रेस का समर्थन मिलेगा.
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