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जाट महाकुंभ और ब्राह्मण महासम्मेलन के बाद राजस्थान में जातिवाद पर बहस, MLA को याद आया संविधान

जाट महाकुंभ और ब्राह्मण महासम्मेलन के बाद राजस्थान में जातिवाद पर बहस, MLA को याद आया संविधान

Casteism Debate in Rajasthan: जातिवाद से लोकतंत्र कमजोर होता है, संविधान की शपथ लेने वाले नेताओं को जातिवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए, राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों पर कठोरता से नियंत्रण करना चाहिए..., ये नसीहतें निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के सेमिनार के दौरान कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेताओं को दी.

राजस्थान विधानसभा में आयोजित सेमिनार में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया का अभिनंदन किया गया.

राजस्थान विधानसभा में आयोजित सेमिनार में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया का अभिनंदन किया गया.

हाइलाइट्स

सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार भी है संयम लोढ़ा
विधायक ने कहा कि जातिवाद लोकतंत्र को कमजोर करता है
राजस्थान विधानसभा में हुई राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की सेमिनार

जयपुर. राजस्थान में बीते दिनों अलग-अलग जातियों के सम्मेलन-महाकुंभ हुए. इन सम्मेलनों या महापंचायत के बाद सियासत में जातिवाद के मसले पर राजनीति गरमाई. मगर नेताओं का खेल देखिए, इन सम्मेलनों के बाद जातिवाद को खत्म करने की बातें भी होने लगी हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार एवं निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा (MLA Sanyam Lodha) ने जातिवाद पर कड़ा प्रहार किया है. लोढ़ा ने सोमवार को राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा की ओर से आयोजित सेमिनार में बड़ा बयान दिया. संयम लोढ़ा ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष और संविधान की शपथ लेने वाले मंत्री जातीय सम्मेलनों में जाकर जाति को बढ़ावा देने की बात करते हैं. वे यहां तक कहते हैं कि पार्टी से भी बढ़कर उनके लिए जाति है. यह कहना लोकतंत्र को कमजोर करना है. लोढ़ा ‘प्रभावी एवं सार्थक लोकतंत्र को बढ़ावा देने में विधानमंडल की भूमिका’ विषय पर आयोजित सेमिनार में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे.

सेमिनार में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्पीकर सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का भी संबोधन हुआ. विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि राजधानी में गत दिनों में कई जातीय सम्मेलन हुए. राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष और संविधान की शपथ लेने वाले मंत्री जब उन सम्मेलन में जाते हैं तो वहां जाति की बात करते हैं. जाति को बढ़ावा देने की बात करते हैं. वे यहां तक कहते हैं पार्टी से भी बढ़कर उनके लिए जाति है, तो यह लोकतंत्र को कमजोर करने वाली बात है. लोढ़ा ने कहा कि यहां मुख्यमंत्री बैठे हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बैठे हुए है. मैं उनसे विनती करना चाहूंगा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने लोगों पर कठोरता से नियंत्रण करना चाहिए. हमारा लक्ष्य जातिविहीन समाज के सपना का है. संविधान की शपथ लेने वाले लोग ही इस तरह की बात करते हैं तो उससे प्रजातंत्र कमजोर होता है.

जयपुर में पिछले हुए थे जाट महाकुंभ और ब्राह्मण महापंचायत
दरअसल राजधानी में पिछले दिनों जयपुर में जाट महाकुंभ और रविवार को ब्राह्मण महापंचायत का आयोजन हुआ था. इनमें कई मंत्रियों और राजनेताओं ने शिरकत की थी. जाट महाकुंभ में पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई जाट मंत्री तथा विधायक शामिल हुए थे. वहीं ब्राह्मण महापंचायत में भी बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज ब्राह्मण नेता शामिल हुए. महापंचायत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, सांसद रामचरण बोहरा, यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, मंत्री महेश जोशी, पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक रघु शर्मा सहित कई नेता शामिल हुए. दोनों ही कार्यक्रमों में मंच से राजनीतिक लोगों ने भाषण हुए थे.

कटारिया जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत
इस दौरान असम के राज्यपाल का पद ग्रहण करने के बाद पहली बार जयपुर आए गुलाबचंद कटारिया का विधानसभा में अभिनंदन समारोह भी आयोजित किया गया. सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज मैं राजनीतिक भाषण दूंगा तो ठीक नहीं होगा. गहलोत ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत. इससे पहले बोलते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि आज आज संसद में विपक्ष की आवाज को म्यूट किया जा रहा है. इससे लोकतंत्र आगे जाकर खतरे में पड़ेगा. हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान का हू-ब-हू और ईमानदारी से पालन करें.

सदन जिद्द नहीं, समाधान करने का स्थान है
सेमिनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हाउस जितना चलेगा उतना ही लोकतंत्र मजबूत होगा. कटारिया ने कहा कि सदन जिद्द करने का स्थान नहीं है. यह तो समाधान का स्थान है. यहां हम किसी मुद्दे पर सहमत नहीं हो. लेकिन मन में एक दूसरे के प्रति द्वेष भावना पैदा करेंगे तो लोकतंत्र कमजोर होगा. उन्होंने कहा कि आज के सदस्यों को पढ़ने और पढ़ाने की आदत कम हो गई है. यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है.

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Tags: BJP Congress, Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan Politics

FIRST PUBLISHED : March 21, 2023, 14:33 IST
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