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एक फरवरी 1949 को बदल गई थी "भारत रत्न बिस्मिल्लाह" खान की जिंदगी, जानिए क्या हुआ था ऐसा?

एक फरवरी 1949 को बदल गई थी "भारत रत्न बिस्मिल्लाह" खान की जिंदगी, जानिए क्या हुआ था ऐसा?

आकाशवाणी केंद्र के निदेशक लोकेंद्र शुक्ला संस्मरण को याद करते हुए बताया कि असीम शुरू के मालिक भारत रत्न विस्मिल्ला खान की पहली शहनाई इसी केंद्र में गूंजी थी.

भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

रिपोर्ट : अमित सिंह
प्रयागराज: आकाशवाणी केंद्र इलाहाबाद ने कई कालजयी कलाकारों को विश्व हस्ताक्षर के लिए पहला मंच प्रदान किया है. भारत रत्न विस्मिल्ला खान की पहली शहनाई इसी केंद्र में गूंजी थी. एक फरवरी 1949 में केंद्र के स्थापना दिवस अवसर पर उन्होंने यादगार सुरमई प्रस्तुति दी. धर्म नगरी प्रयागराज में उनकी पहली प्रस्तुति किसी चमत्कार से कम नहीं थी. कार्यक्रम में उपस्थित लोग उनके सुरों को मां गंगा का आशीर्वाद बता रहे थे. इसके बाद विश्व पटल पर उनके हस्ताक्षर गाढ़े होते गए. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, हरिवंशराय बच्चन और हरि प्रसाद चौरसिया सहित न जाने कितने रचनाकारों और कलाकारों की प्रगति में रेडियो की अविस्मरणीय भूमिका रही है.

आकाशवाणी केंद्र के निदेशक लोकेंद्र शुक्ला संस्मरण को याद करते हुए बताया कि असीम शुरू के मालिक भारत रत्न विस्मिल्ला खान की पहली शहनाई इसी केंद्र में गूंजी थी. एक फरवरी 1949 में केंद्र के स्थापना दिवस अवसर पर उन्होंने यादगार सुरमई प्रस्तुति दी. फिर यह कारवां बढ़ता गया और विभिन्न मंचों में अपनी प्रस्तुति देते रहे. हम यह कह सकते हैं कि बड़े मंचों में उनका सबसे पहला मन था जहां से उनके करियर का ग्राफ बढ़ा.

जब निराला बिन बताए पहुंचेआकाशवाणी केंद्र के वर्तमान निदेशक लोकेश शुक्ल बताते हैैं कि उन्होंने आकाशवाणी पर कई लेखक, कलाकार और प्रभारियों के संस्मरण पढ़े, लेकिन सबसे यादगार उन्हें निराला जी का केंद्र में अचानक पहुंचना लगा. 1938 में लखनऊ आकाशवाणी में हुए सजीव काव्य पाठ के दौरान उद्घोषक ने उनके नाम का गलत नाम उच्चारण कर दिया. इससे वो बहुत नाराज हुए और आकाशवाणी जाना छोड़ दिया. आजादी के दो दशक बाद अचानक वह इलाहाबाद केंद्र बिना सूचना के पहुंच गए. तत्कालीन सहायक केंद्र निदेशक गिरजा कुमार से थोड़ी देर बातचीत के बाद उन्होंने स्टूडियो देखने की इच्छा जाहिर की. स्टाफ आर्टिस्ट युक्तिभद्र दीक्षित को निदेशक ने केंद्र दिखाने को कहा. केंद्र देखने बाद निराला जी ने कहा था-हम काव्यपाठ करेंगे।

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Tags: Allahabad news, Uttar pradesh news

FIRST PUBLISHED : March 21, 2023, 18:22 IST
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