प्रयागराज. उमेश पाल शूटआउट केस में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए 5 अभियुक्तों को पुलिस ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने दोपहर बाद अभियुक्तों नियाज अहमद, मोहम्मद सजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और अरशद कटरा उर्फ अरशद खान को पेश किया, जिसके बाद सुनवाई करते हुए सीजेएम दिनेश कुमार गौतम की कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 4 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पांचों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया है.
पुलिस अब 4 अप्रैल को दोबारा आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी. पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद कस्टडी रिमांड नहीं मांगी क्योंकि पुलिस अभियुक्तों से असलहे और कैश बरामद कर चुकी है. असलहे की बरामदगी को लेकर दो आरोपियों कैश अहमद और राकेश को एसीजेएम नौ अरुण कुमार की कोर्ट में भी पेश किया गया. हालांकि अगर पुलिस को मामले में कोई अन्य बरामदगी या पूछताछ करनी है तो 14 दिन के अंदर अदालत में अर्जी लगाकर कस्टडी रिमांड मांग सकती है.
गौरतलब है कि पुलिस ने गिरफ्तार पांच अभियुक्तों में से कैश अहमद और राकेश कुमार की निशानदेही पर अतीक के कार्यालय पर मंगलवार को छापेमारी की थी. पुलिस ने अतीक के कार्यालय से हथियारों का जखीरा और 74 लाख 62 हजार बरामद किया था. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने गिरफ्तार पांचों अभियुक्तों की अलग-अलग भूमिका उमेश पाल शूटआउट कांड में बताई है. उनके मुताबिक नियाज अहमद ने रेकी की थी, उसके पास से फोन बरामद हुआ है जिसकी विस्तृत जांच चल रही है. असद ने इंटरनेट कॉल पर अतीक अहमद और अशरफ से भी इसकी बात कराई थी.
मोहम्मद सजर उमेश पाल की कचहरी से लेकर घर तक की लोकेशन देता था जबकि ड्राइवर कैश अहमद और मुंशी राकेश कुमार शूटआउट के बाद असलहा व कैश छिपाने में शामिल थे, वहीं अरशद कटरा उर्फ अरशद खान पुलिसकर्मियों की मौत की साजिश में शामिल रहा है. पुलिस ने सभी आरोपियों को धूमनगंज थाना क्षेत्र के जयरामपुर से गिरफ्तार किया था. अभियुक्तों की पेशी के दौरान उनके परिजन भी अदालत परिसर में मौजूद थे. अतीक के ड्राइवर कैश अहमद और मोहम्मद सजर के परिजनों नेउन्हें बेगुनाह बताते हुए झूठा फंसाने का आरोप लगाया है. परिजनों ने सीएम योगी से सही कार्रवाई की मांग की है।
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