रिपोर्ट : आदित्य कृष्ण
अमेठी : कुछ करने और कर गुजरने का जज्बा मन में हो तो हौसले भी चार चांद लगा देते हैं. मेहनत और लगन से काम किया जाए तो सब कुछ संभव होता है. कुछ ऐसा ही किया है सरकारी विद्यालय की एक प्रिंसिपल ने. अक्सर देखा जाता है कि लोग सरकारी विद्यालय को सवालों के घेरे में खड़ा करते हैं. वहां की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हैं. लेकिन अमेठी में एक ऐसा सरकारी विद्यालय है जो सीधे-सीधे कॉन्वेंट स्कूल कोटक्कर दे रहा है.
बच्चों को विद्यालय में बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने के साथ-साथ विद्यालय परिसर में ही पुस्तकालय और कंप्यूटर लैब के साथ प्रोजेक्टर के जरिए पढ़ाई कराई जाती है. स्कूल में संचालित कक्षाओं के अलावा छुट्टियों के दिनों में भी विद्यालय के बच्चों को शिक्षा दी जाती है. अभिभावकों ने अपने बच्चों को प्राइवेट विद्यालयों से निकालकर यहां पर अपने बच्चों का नामांकन कराया है और बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर रहे है.
भादर विकासखंड के नारायणपुर में है विद्यालय
तस्वीर है भादर विकासखंड के नारायणपुर गांव की. नारायणपुर का उच्च प्राथमिक विद्यालय पहले काफी बदहाल स्थिति में था. लेकिन प्रधानाध्यापिका ममता सिंह ने अपनी मेहनत और अपनी लगन से विद्यालय की तस्वीर बदल दी. विद्यालय में वर्तमान समय में 52 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
बच्चों की विद्यालय में स्मार्ट क्लास के जरिए पढ़ाई कराई जाती है. इसके साथ ही बच्चों को आधुनिक ज्ञान भी हो सके. इसके लिए कंप्यूटर लैब भी विद्यालय परिसर में ही स्थापित है. नई-नई जानकारी हासिल करने के लिए विद्यालय परिसर में ही पुस्तकालय संचालित हो रहा है. विद्यालय की बदलती तस्वीर और व्यवस्थाओं को देखकर अभिभावकों का मोह प्राइवेट स्कूल से भंग होकर इस सरकारी स्कूल में हो रहा है.
बच्चों के भविष्य को सवारना मेरी जिम्मेदारी
विद्यालय की प्रधानाचार्य ममता सिंह ने बताया कि जब 2010 में उन्होंने विद्यालय ज्वाइन किया था तो विद्यालय के हालात काफी खराब थे. लेकिन उन्होंने विद्यालय के बच्चों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए अपने दोस्तों और अन्य लोगों के सहयोग से विद्यालय में बदलाव करने की ठानी.आज विद्यालय काफी बेहतर है. विद्यालय में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और उन्हें नई नई जानकारियां हासिल हो रही हैं.
विद्यालय के बच्चों को निर्धारित समय के अनुसार पढ़ाई कराने के साथ-साथ खेलकूद कराने के लिए खेलकूद के उपकरण और बच्चों को संगीत भी विद्यालय परिसर में सिखाया जाता है. मैं भी सरकारी विद्यालय में पड़ी हूं. इसलिए मेरी जिम्मेदारी है कि मेरे बच्चे विद्यालय मेंसभी विषयों का अध्ययन करअपने भविष्य को उज्जवल करें.
पढ़ने के लिए लालटेन दी गई
विद्यालय में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा के छात्र राजवीर प्रताप सिंह ने बताया कि यहां पर बहुत अच्छी पढ़ाई होती है. हमारे विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी क्लास चलती है. हमें पढ़ने के लिए लालटेन दी गई है. जिससे बिजली चली जाने के बाद भी हम घर पर भी पढ़ाई कर सकते हैं. हमें हर विषय पढ़ाया जाता है. हमारा विद्यालय बहुत अच्छा है.
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