रिपोर्ट- निमिष गोस्वामी
अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में राम लला के मंदिर निर्माण का फैसला होने के बाद से ही साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होते जा रहा है. श्रद्धालुओं की संख्या के बढ़ने के साथ बड़ी संख्या में उद्योगपति और पूरे देश के लोग राम नगरी में जमीन खरीदना चाहते हैं, लिहाजा जमीन का रेट आसमान पर पहुंच गया है.
नगर निगम अयोध्या के विस्तारीकरण में 40 गांवों को शामिल किया गया जिसकी वजह से ग्रामीण आंचल के बीच जमीनों का रेट अब आसमान पर पहुंच गया है. अब जमीन के रेट बड़े तो राजस्व से जुड़े हुए अधिकारियों की भी बल्ले बल्ले हो गई है. छोटे-छोटे काम के लिए लोगों से सुविधा शुल्क मांगा जा रहा है और धन उगाही की जा रही है. ऐसा ही प्रकरण अयोध्या के थाना महाराजगंज के ग्राम विसवल पोस्ट दलपतपुर निवासी प्रदीप कुमार के साथ हुआ.
दरअसल, प्रदीप कुमार अपनी जमीन से चक मार्ग की पैमाइश कराना चाहते थे. पैमाइश के लिए सदर तहसील के माया क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक विमल कुमार को उन्होंने आवेदन किया, जिस पर उनके द्वारा 10 हजार की रिश्वत मांगी. पीड़ित प्रदीप कुमार ने उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान अयोध्या की टीम से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद विजिलेंस के निरीक्षक अजय प्रताप के नेतृत्व में टीम बनायी गयी उन्होंने ₹8000 रंग लगाकर पीड़ित को दिए. प्रदीप ने कानूनगो को पैसे रिश्वत के तौर पर दिए और इस दौरान आसपास मौजूद टीम ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया.
कानून के शिकंजे में रिश्वतखोर निरीक्षकवहीं अब बिजलेंस की टीम ने राजस्व निरीक्षक विमल कुमार को अपने साथ लेकर गई और पूछताछ कर रही है. विजिलेंस निरीक्षक अजय प्रताप सिंह ने बताया कि थाना महाराजगंज निवासी प्रदीप कुमार ने जमीन की पैमाइश कराने के लिए आवेदन किया गया था. जिससे रिश्वत की मांग की गई. पीड़ित की सूचना पर विजिलेंस टीम ने टीम बनाकर मौके पर पहुंची तो आरोपी राजस्व निरीक्षक विमल कुमार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जिनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. फिलहाल इस पूरे मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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