आजमगढ़. 7 साल पहले वर्ष 2015 में कांग्रेस नेता और अधिवक्ता राजनरायण सिंह की गोली मारकर हुई हत्या में आरोपित बसपा सरकार में पूर्व मंत्री अंगद यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. अंगद की सम्पत्ति को पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में कुर्क कर दिया गया है. कुर्क मकान की कीमत करीब 40 लाख रूपए बताई गई है. बरदह थाना क्षेत्र के सम्मोपुर गांव निवासी राजनरायन सिंह सिधारी थाने के कोमल कॉलोनी में मकान बनवाकर परिवार सहित रहते थे. वो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता भी थे.
19 दिसंबर 2015 की सुबह राजनरायन सिंह घर से टलने के लिए निकले थे. जैसे ही वह पल्हनी ब्लॉक मुख्यालय के सामने पहुंचे कि घात लगाए बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. घटना के संबंध में उनकी पत्नी सुधा सिंह ने पूर्व मंत्री अंगद यादव और अपने पट्टीदार सुनील सिंह आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में पूर्व मंत्री अंगद यादव के खिलाफ वर्ष 2016 में पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. पूर्व मंत्री अंगद यादव को आजीवन कारावास की सजा हुई है और वो वर्तमान समय में प्रयागराज जिले के नैनी जेल में बंद हैं.
गैंगेस्टर एक्ट की धारा 14 ए के तहत जिलाधिकारी की अनुमति के बाद शुक्रवार को सिधारी थानाध्यक्ष नंद कुमार तिवारी और नायब तहसीलदार सदर नीरज कुमार तिवारी की मौजूदगी में भारी पुलिस बल ने पूर्व मंत्री अंगद यादव के मूसेपुर रेलवे क्रासिंग के पास स्थित मकान, बाइक व अन्य संपत्ति को कुर्क कर दिया. कुर्क संपत्ति की कीमत करीब 40 लाख रूपए बताई गई है. पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि गैंगेस्टर एक्ट के तहत अपराधियों की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई चल रही है. इसी के तहत सिधारी थाने पर दर्ज गैंगेस्टर एक्ट के मामले में पूर्व मंत्री अंगद यादव की संपत्ति कुर्क की गई है. इसमें सिधारी के मूसेपुर में स्थित मकान, बाइक व भूमि शामिल हैं, जिसकी कीमत करीब 40 लाख रूपए है.
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