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मौत की सजा को मात देकर 15 साल बाद छूटा इनामी डकैत, दस्यु सम्राट ददुआ का दाहिना हाथ था राधे

मौत की सजा को मात देकर 15 साल बाद छूटा इनामी डकैत, दस्यु सम्राट ददुआ का दाहिना हाथ था राधे

चित्रकूट के पाठा के बेताज बादशाह कहे जाने वाले दस्यु सरगना शिवकुमार उर्फ ददुआ जब तक जिंदा रहा, तब तक बंदूक की नोक पर वोटों की खेती करता रहा. उसके आशीर्वाद से कई नेता विधायक और सांसद बनते रहे

रिपोर्ट- अखिलेश सोनकर, चित्रकूट
चित्रकूट जनपद में कई दशकों तक पाठा की धरती पर डकैतों का आतंक रहा है. जिसके खात्मे के बाद यहां एक बार फिर डकैत सिर न उठा सके जिसको लेकर एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश की टीम ने चित्रकूट में डेरा डाल दिया है. एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने चित्रकूट में दशकों तक आतंक का पर्याय रहे दुर्दांत डकैत दस्यु ददुआ, दस्यु ठोकिया व दस्यु गौरी यादव समेत 1 दर्जन से ज़्यादा डकैतों को मुठभेड़ में मार गिराया था. जिसके बाद एक वक़्त ऐसा आया जब चित्रकूट की धरती दस्युमुक्त हो गई थी. लेकिन दस्यु ददुआ के दाहिने हाथ रहे दस्यु राधे पटेल के 15 वर्ष बाद जेल से रिहा होने के बाद एसटीएफ का रुख चित्रकूट को लेकर बेहद सख्त हो गया है. जिसके चलते एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश चित्रकूट पहुंचे. जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दस्यु प्रभावित क्षेत्र के थाना अध्यक्षों के साथ बैठक की है और बैठक के दौरान उन्होंने क्षेत्र में दोबारा डकैत ना बना पाए इसके लिए थानाध्यक्षों को निगरानी बरतने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.

एडीजी अमिताभ यश का कहना है कि पुलिस का काम है हमेशा सतर्क रहना. कई बार हुआ है कि डकैत ख़त्म हुए हैं और उसके बाद पुनः फिर पनपे हैं. तो यह बहुत आवश्यक है कि पुलिस को सतर्क रखा जाए और लगातार इस इलाके पर नज़र रखी जाए कि कोई नया गैंग पैदा हो रहा है या नहीं. साथ ही साथ बताया कि जो डकैत पहले जेल में थे वो छूट रहे हैं. कुछ के मुक़दमे समाप्त हो गए हैं. कुछ ज़मानत पर बाहर आ रहे हैं. उनपर भी नज़र रखनी आवश्यक है. इस इलाके में शांति व्यवस्था बनाये रखना इस दौरे का मकसद है. दस्यु राधे भी जेल से वापस बाहर आया है तो ऐसे में इस तरह के हर अपराधी पर नज़र रखना आवश्यक है.

बंदूक की नोक पर वोटों की खेती
आपको बता दें कि चित्रकूट के पाठा के बेताज बादशाह कहे जाने वाले दस्यु सरगना शिवकुमार उर्फ ददुआ जब तक जिंदा रहा, तब तक बंदूक की नोक पर वोटों की खेती करता रहा. उसके आशीर्वाद से कई नेता विधायक और सांसद बनते रहे. वह बहुजन समाज पार्टी पर भी मेहरबान रहा. जिसके कारण यह नारा वर्षों तक हर चुनाव में बुलंद होता रहा, ‘वोट पड़ेंगे हाथी पर, नहीं गोली लगेगी छाती पर’. इसी नारे का असर था कि कई बार बसपा के सांसद और विधायक जीते हैं तो कभी समाजवादी पार्टी के झंडे पर जीते हैं.

2007 में दस्यु ददुआ का हुआ खात्मा
चित्रकूट के पाठा के बेताज बादशाह कहे जाने वाले दस्यु सरगना शिवकुमार उर्फ ददुआ जब तक जिंदा रहा, तब तक बंदूक की नोक पर वोटों की खेती करता रहा. उसके आशीर्वाद से कई नेता विधायक और सांसद बनते रहे.बसपा से मोह भांग होने के बाद ददुआ ने समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दे दिया था. जिसके बाद ही समाजवादी पार्टी से ददुआ ने अपने बेटे वीर सिंह पटेल को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाकर जंगल से सत्ता का परिवार को सुख दिया था और फिर ददुआ का भाई बालकुमार पटेल मिर्ज़ापुर से सांसद तो वहीं ददुआ का भतीजा पट्टी विधानसभा से विधायक बना. लेकिन मायावती की सरकार में तत्कालीन एसएसपी एसटीएफ अमिताभ यश टीम ने 2007 में दस्यु ददुआ को मार गिराया था. तो वहीं ठोकिया व गौरी समेत एक दर्जन गैंग का सफाया करके एडीजी ने चित्रकूट को दस्युभुक्त बनाया था. जिसको लेकर एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश एक बार फिर चित्रकूट में दस्यु को न पनपने के लिए चिंतित होकर चित्रकूट पहुंचे और थानाध्यक्षो को सहज और जागरूक रहने के निर्देश दिए और हर क्रिमिनल पर सख्ती से नज़र बनाये रखने के निर्देश दिए.

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Tags: Chitrakoot News, Uttar pradesh news

FIRST PUBLISHED : January 31, 2023, 09:08 IST