रिपोर्ट: विशाल झा
गाज़ियाबाद: जल है तो कल है, जल ही जीवन है ऐसे तमाम तरीके के पोस्टर आप भी पढ़ते होंगे. लेकिन क्या आपने कभी इस पर अमल भी किया. गर्मियों ने अपनी तेज दस्तक दे दी है, ऐसे में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी से बेहतर दूसरी और कोई चीज नहीं. लेकिन गर्मियों के सीजन में पानी की काफी बर्बादी की जाती है.
कई घरों में समर्सिबल, मोटर के ज्यादा इस्तेमाल से भूजल पर भी खतरा पड़ता है. लेकिन गाजियाबाद के निवासियों की संस्था यूनाइटेड फोरम ऑफ ट्रांस हिंडन एसोसिएशन गाजियाबाद में भूजल की बढ़ोतरी के लिए एक अच्छी पहल की शुरुआत की है.
दरअसल, इस संस्था के द्वारा जल संरक्षण के लिए बेकार हो चुके ड्रम के द्वारा वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जा रहा है. इस सिस्टम के माध्यम से बरसात का पानी बेकार होने की जगह जमीन में जाएगा. जिससे भूजल में बढ़ोतरी दिखेगी.
यूनाइटेड फोरम ऑफ ट्रांस इंडियन एसोसिएशन के संयोजक जय दीक्षित ने News 18 Local को बताया कि शालीमार गार्डन के गौरी शंकर विहार क्षेत्र में बेकार पड़े ड्रम से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया है. इसके अलावा विभिन्न आरडब्लूए और सोसाइटी मैं जाकर लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक भी करते हैं.
गर्मियों के समय अक्सर पानी कि किला देखने को मिलती है. जिसमें भू-जल का गिरना भी एक बड़ा कारण है. जय बताते हैं कि अगर हमने जल संरक्षित नहीं किया तो भविष्य में स्थिति बहुत खतरनाक साबित हो सकती है.
कैसे बना सकते हैं सिस्टम
सबसे पहले आप ड्रम के चारों और छेद कर ले. इसके बाद जमीन में एक गड्ढा खोद ले और फिर उसमें ड्रम को गाड़ दे. अब ड्रम के चारों तरफ 2 फीट की ईट लगा दे. फ्रीडम को वर्षा जल पाइप से जोड़ दें. अब जब बरसात होगी तो ड्रम में बारिश का पानी इकट्ठा होगा. इसके बाद बानी खुद ही रिसकर जमीन के अंदर चला जाएगा. इसका कुल खर्चा एक से डेढ़ हजार होगा.
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