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Gorakhpur News : बुद्धा इंस्टिट्यूट के छात्रों ने किया कमाल ,फसलों की जानवरों से रक्षा के लिए किया यंत्र तैयार

Gorakhpur News : बुद्धा इंस्टिट्यूट के छात्रों ने किया कमाल ,फसलों की जानवरों से रक्षा के लिए किया यंत्र तैयार

छात्रों ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर आधारित यंत्र का नाम फसल रक्षक रखा है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस नवाचार को स्वीकृति दी है. साथ ही एक लाख रुपये का प्रारंभिक अनुदान भी दिया है. इसे बनाने में 40 से 50 हजार रुपए की लागत आई है.कॉलेज के निदेशक डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि नवाचार को पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया गया है.पेटेंट होने के बाद बाजार में लाने के लिए यंत्र बनाया जाएगा.

रिपोर्ट : अभिषेक सिंह

गोरखपुर. आप किसान है और जानवरों से फसल बचाने के लिए परेशान है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. बुद्धा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र हर्ष कुमार मिश्रा, शिवम कुमार चौरसिया, आदित्य कसौधन और अनिल कुमार चौधरी ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित यंत्र को करीब एक माह में तैयार किया है.

यंत्र की खासियत यह है कि यह जहां यह यंत्र लगेगा उसके 500 मीटर के दायरे में किसी पशु के आने पर तेज आवाज में हूटर बजने लगेगा .इसके साथ ही मोबाइल पर मैसेज भी भेजेगा .हूटर तब तक बजता रहेगा। जब तक जानवर खेत से दूर नहीं चला जाता .

फसल रक्षक यंत्र बाजार में जल्द होगा उपलब्ध
छात्रों ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर आधारित इस यंत्र का नाम फसल रक्षक रखा है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस नवाचार को स्वीकृति दी है. साथ ही एक लाख रुपये का प्रारंभिक अनुदान भी दिया है. इसे बनाने में 40 से 50 हजार रुपए की लागत आई है. छात्र लागत कम करने और सेंसर का दायरा बढ़ाने में जुटे है. इसमें एक मोबाइल का सिम लगा है,जिसमें 20 नंबर दर्ज किए जा सकते है. सभी नंबरों पर अटेंशन प्लीज का मैसेज जाएगा . इससे किसान सतर्क हो जाएंगे और जानवरों से फसल की रक्षा भी हो जाएगी .

अब पेटेंट की है तैयारी
कॉलेज के निदेशक डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि नवाचार को पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया गया है.पेटेंट होने के बाद बाजार में लाने के लिए यंत्र बनाया जाएगा. छात्रों ने पहचान के लिए फोटो के आधार पर जानवरों की कोडिंग की है. नीलगाय,गाय,भैंस,सांड आदि जानवरों के साथ ही कुछ पक्षियों का फोटो भी अपलोड किया गया है.जैसे ही ये जानवर खेत की तरफ बढ़ेंगे,सेंसर इन्हें पहचान लेगा.

यंत्र किसानों के लिए साबित होगा रामबाण
इस संबंध में छात्र हर्ष कुमार मिश्रा और अंब्रिश तिवारी ने बताया कि इस यंत्र के माध्यम से किसान अपने फसलों की रखवाली 24 घंटे डिजिटल माध्यम से कर सकेंगे और खेत में किस खाद और दवा की जरूरत है जिससे की फसल अच्छी होंगी. इसकी भी जानकारी किसानों को मिल सकेगी और किसानों की फसल जानवरो से पूरी तरह बच पाएगी. इसको बनाने में कुल लागत 50000 के करीब आई है. जब बाजार में यह यंत्र आएगा तो इसकी कीमत 25000 के लगभग होंगी और यह यंत्र किसानों के लिए रामबाण साबित होंगा.

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Tags: Gorakhpur news, Uttar Pradesh News Hindi

FIRST PUBLISHED : March 22, 2023, 20:37 IST
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