अभिषेक सिंह
गोरखपुर. उत्तर प्रदेश सरकार की अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के चलते जेलों में बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि गोरखपुर जेल में क्षमता से दोगुना से ज्यादा बंदी हैं. कैदियों की निरंतर बढ़ती संख्या देखते हुए जेल प्रशासन लगातार नए बैरक निर्माण की मांग कर रहा था, जिसको देखते हुए शासन ने गोरखपुर जेल में चार नए बैरकों के निर्माण करने की स्वीकृति दे दी है.
नौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बैरकों को जेल प्रशासन 12 एकड़ के कृषि फार्म के कुछ हिस्से में बनवा रहा है. इसका निर्माण होने के बाद 200 बंदियों के लिये यहां रहने की व्यवस्था होगी. अंग्रेजों के जमाने के बने गोरखपुर जेल की क्षमता पहले लगभग 800 थी. वर्ष 2000 तक यहां एक भी नये बैरक का निर्माण नहीं हुआ था, लेकिन बीत 22 साल में यहां दस के लगभग नये बैरक बनाये गये हैं. मगर जिस तरह से बंदियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है बैरक कम पड़ती जा रही है. दस नये बैरक बनने के बाद अब यहां की क्षमता 1,200 के लगभग पहुंच गई है. हालांकि जेल में बंदियों की संख्या अब भी इससे दोगुनी है.
वहीं, महिला बंदियों के लिए बैरक और भी कम है. जबकि महिला अपराधियों की भी संख्या निरंतर बढ़ रही है. जेल प्रशासन ने ऐसे में आठ नये हारक के लिए प्रस्ताव भेजा था.
कारागार की ओवर क्राउडिंग की समस्या होगी दूर!
जेल अधीक्षक ओ.पी कटियार ने बताया कि कारागार की ओवर क्राउडिंग समस्या को दूर करने के लिए शासन के द्वारा कारागार का विस्तार करने हेतु कारागार से सटे 12 एकड़ की कृषि भूमि पर मुख्य दीवार और चार बैरक निर्माण स्वीकृत किया है जिसकी लागत नौ करोड़ रुपया है. भविष्य में चार बैरक की और स्वीकृति मिलने की संभावना है जिससे कारागार की ओवर क्राउडिंग कीसमस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी. इसके निर्माण कार्य हेतु स्थलीय निरीक्षण कर लिया गया है, ले आउट प्लान तैयार कर वो हमको उपलब्ध कराएंगे और हम उसपर विचार कर कारागार मुख्यालय को शीघ्र भेज देंगे. कुछ कारणवश पूर्व में कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य मे देरी किया गया था, लेकिन अब सारी कमियां दूर हो जाएंगी.
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