अंजलि सिंह राजपूतलखनऊः आम के शौकीनों के लिए एक बहुत बुरी खबर है. इस बार देशभर में लोगों को दशहरी आम खाने के लिए बेहद कम मिलेगा. इसकी वजह यह है कि 21 मार्च को लखनऊ समेत मलिहाबाद, काकोरी, माल और बख्शी का तालाब में हुई तेज बारिश और ओले गिरने की वजह से बौर खराब हो गए हैं.
अवध आम उत्पादक और बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस बार 75 प्रतिशत दशहरी आम का नुकसान हो गया है. मलिहाबाद, माल, काकोरी और बख्शी का तालाब ऐसे चार ब्लॉक ऐसे हैं जहां पर 75 फीसदी दशहरी आम का नुकसान हुआ है. इन्हीं क्षेत्रों को असली दशहरी आम उगाने के लिए जाना जाता है. इन क्षेत्रों के दशहरी आम को जीआई 125 का इंटरनेशनल टैग भी मिला हुआ है. इसके अलावा चौसा और दूसरे आमों का भी बड़ा नुकसान हुआ है.
किसानों में निराशा है. ओले और बारिश ने आम बागवानों की कमर तोड़ दी है. उन्होंने बताया कि अब बाजार में जो आम आएगा उसकी कीमतें बेहद ज्यादा होंगी जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. दूसरे बागवान रामकिशोर मौर्य ने बताया कि सरकार आम बागवानों को कोई भी सहायता या सुविधा नहीं देती है जिससे दिक्कत होती है. आम आइसक्रीम बनाने वाले मोहम्मद ने बताया कि दशहरी आम से ही उनकी आइसक्रीम बनती थी. अब पल्प आइसक्रीम बनना मुश्किल है क्योंकि आम कम होगा तो पल्प भी कम ही मिलेगा.
बीमा के नाम पर हुआ खेलउपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कृषि अधिकारी और उद्यान अधिकारी से आम बागवानों का बीमा कराने के लिए लंबी वार्ता हुई थी. लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. यही नहीं तारीख तक गलत बताई गई जिस वजह से बीमा नहीं हो पाया और आज प्राकृतिक आपदा के चलते आम बागवान खून के आंसू रो रहे हैं.
सरकार आर्थिक सहायता देउन्होंने बताया कि अब चाहिए कि सरकार सभी बागवानों का सर्वे कराए. किसका कितना नुकसान हुआ है यह देखे और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करें क्योंकि खून पसीना लगाकर आम को बेचकर साल भर उससे ही घर चलाना होता है. ऐसे में इस बार घर कैसे चलेगा यह बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यूपी के उद्यान, कृषि विपणन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह अक्सर ऐसे मामलों में किसानों और बागवानों के साथ खड़े रहते हैं. इस मामले पर भी वह अवश्य ध्यान देंगे यही उम्मीद है.
.
Tags: Lucknow news, Uttar pradesh news