कर्नाटक में गठबंधन को मिली जीत के बाद कांग्रेस अब 2019 के लिए यूपी में भी यही फॉर्मूला अपनाने जा रही है. कांग्रेस ने स्वीकार किया है कि बीजेपी को रोकने के लिए उसे जो भी करना पड़ेगा वो करेगी.
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लखनऊ कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर कहा कि राजीव गांधी कांग्रेस के लिए प्रेरणा हैं. कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी जल्द ही यह तय केरगी कि 2019 के लिए गठबंधन का प्रारूप क्या होगा. लेकिन इतना जरूर है कि बीजेपी से लड़ने के लिए कांग्रेस विपक्षी दलों को एकजुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
मीडिया से बातचीत में राजबब्बर ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी कीमत पर 2019 में बीजेपी को रोकना है. लिहाजा पार्टी हर संभावनाओं को तलाशेगी और उसके बाद गठबंधन का स्वरुप तैयार होगा.
दरअसल, बीजेपी में त्रिशंकु विधानसभा के बाद कांग्रेस ने दूसरी बड़ी पार्टी होने के बावजूद जेडीएस के कुमारास्वामी को मुख्यमंत्री का ऑफर देते हुए समर्थन दे दिया. जिसकी वजह से 104 सीटों वाली बीजेपी विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सकी और दो दिन में ही येदियुरप्पा सरकार गिर गई. अगर इस फ़ॉर्मूले को पार्टी यूपी में भी लागू करती है तो साफ है कि वह सपा-बसपा गठबंधन में सपोर्टिंग रोल में नजर आ सकती है.
वैसे यूपी में सपा और बसपा के नेतृत्व में महागठबंधन तय है. लेकिन इस गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका क्या होगी अभी तय नहीं हो सका है. सपा और बसपा के सीट शेयरिंग के फ़ॉर्मूले की बात करें तो उस लिहाज से कांग्रेस को 6-7 सीट ही बामुश्किल मिल सकती है. ऐसे में कांग्रेस यूपी में पिछलग्गू पार्टी ही बनकर रह जाएगी.
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