रिपोर्ट- आदित्य कुमार
NOIDA नोएडा: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) बीते दिनों नोएडा आए थे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश में हो रहे एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए जितेंद्र यादव का नाम लिया था. साल 2018 में परथला चौकी इंचार्ज रहे हरि दर्शन ने उसे गोली मार दी थी. बाद में उसे एनकाउंटर बताने की कोशिश की थी. जितेंद्र यादव फेक एनकाउंटर के बाद अब कैसे जी रहा है? कैसे है उसके हालात चलिये हम आपको बताते हैं.
जितेंद्र यादव पर साल 2018 में रात को हमला हुआ था. उस वक्त उसकी उम्र 26 साल थी. जितेंद्र बताते हैं कि मेरी बहन की शादी होने वाली थी, मैं बहन को गौना देकर अपनी स्कोर्पियो से घर वापस आ रहा था. मेरे साथ मेरे दोस्त थे जो मेरे घर पर किराए पर रहते थे. तभी परथला चौकी के पास विजय दर्शन शर्मा ने मुझे रोका. उसने शराब पी रखी थी, उसने मुझसे लाइसेंस मांगा, मेरे पास लाइसेंस नहीं था. उसने मेरा नाम पूछा और जब मैंने अपना नाम बताया तो मुझे उसने बोला कि खुद को अखिलेश यादव समझता है? जितेंद्र बताते हैं कि मुझे वो गाड़ी में बिठाकर चौकी ले जाने लगा, लेकिन चौकी दूसरी दिशा में थी. जब मैंने पूछा कि मुझे कहा ले जा रहे हो तभी उसने मेरे गर्दन में गोली मार दी. जो मेरे गर्दन के पीछे से निकल गई और मैं बेहोश हो गया.
मदद के नाम पर मिले सिर्फ वादे
जितेंद्र यादव बताते हैं कि साल 2018 के बाद अबतक सिर्फ मदद का इंतजार कर रहा हूं. कोई मदद नहीं मिली. हरि दर्शन ने मेरे दोस्तों को भी यहां से भगा दिया था. कोई गवाही देने वाला नहीं बचा. अब यह स्थिति है कि मैं न तो चल पाता हूं न अकेले कुछ कर पाता हूं. अब मैं व्हीलचेयर के सहारे ही चल पाता हूं. मैं मिस्टर उत्तराखंड रह चुका हूं अब यह हालात है कि एक ईंट नहीं उठा सकता.
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