आदित्य कुमार
नोएडा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल दिल्ली से सटे नोएडा में सुपरटेक की इमारत ट्विन टावर एपेक्स और सियान को धराशाई कर दिया गया था. उसी तरह की समस्या क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित महागुण मस्कट में भी थी. यहां के रहने वाले निवासियों ने इसका विरोध किया जिसके बाद आखिरकार बिल्डर को झुकना पड़ा और स्ट्रक्चर निर्माण को रोक दिया गया.
अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के निशांत जोशी ने बताया कि हमारे बिना जानकारी के महागुण ने स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया. यह वर्ष 2016 में शुरू हुआ. हमने इसका विरोध अलग-अलग तरह से किया. हमने लोगों को जागरूक करना शुरू किया कि लोग यहां बुकिंग न करवाएं, क्योंकि हमें पता था कि यहां जगह खाली रहने वाला है. लेकिन, अचानक से इन्होंने यहां निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. हमने इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस कारण यह दो इमारत बनना रुका. अभी पिछले दिनों बिल्डर ने भी इन दोनों टावर को नहीं बनाने का नोटिस जारी किया है.
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दसक बीतने के बाद भी हैंडओवर नहीं
वहीं, हितेश अग्रवाल बताते हैं कि इस सोसाइटी को बने हुए 10 साल हो गए हैं. लेकिन, अभी तक हमें हैंडओवर नहीं किया गया है. अगर इस इमारत को हम नहीं रोकते तो जिस तरह ट्विन टावर से सटे दूसरी सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस की हवा पानी तक बंद हो गयी थी, उसी तरह यहां भी होता. बिल्डरों का बस चले तो जहां-जहां जगह खाली है, वहां यह कुछ न कुछ निर्माण करा दें. सोसाइटी हैंडओवर नहीं हुई है जिसके कारण यहां रह रहे चार से पांच हजार लोग परेशानी के शिकार हो रहे हैं.
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