रिपोर्ट- सृजित अवस्थी
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के किनारे स्थित शारदा सागर डैम पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में अब डैम के किनारे बसे गांवों के लोगों को इसके दुष्परिणामों से मचने वाली तबाही का डर सता रहा है. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे मामले में विभाग खानापूर्ति कर रहा है.
दरअसल प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत पीलीभीत जिले में तकरीबन 25 किलोमीटर लंबा शारदा सागर डैम बनाया गया था. इसके जरिए प्रदेश के 10 से भी अधिक जिलों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराया जाता है. शुरुआती दौर में इस डैम का खास ख्याल रखा गया. लेकिन समय बीतने के साथ ही साथ ही यह लापरवाही की भेंट चढ़ने लगा. तेज हवा के साथ पानी के थपेड़े डैम की चार दीवारी पर लगने से डैम के पीछे अंदर ही अंदर कटने लगी. तबसे यह सिलसिला लगातार चलता रहा आ रहा है.
पिचिंग में एक बार फिर से कटान तेज
विभाग के मुताबिक हर साल इस पिचिंग की मरम्मत कराई जाती है. हाल ही में इस डैम के पिचिंग में एक बार फिर से कटान तेज हो गया और इसमें पानी रिसने लगा. ऐसे में डैम से सटे तमाम गांवों में ग्रामीणों को डर सताने लगा. इसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि डैम की पिचिंग कार्य में खानापूर्ति की जा रही है.
मौके पर भेजी गई टीम
ऐसे में अगर डैम में दरार आती है तो उनके आशियाने उजड़ जाएंगे. ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद सिंचाई विभाग के शारदा सागर खंड के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहीं इलाके की एसडीएम शिखा शुक्ला ने भी दो सदस्यीय टीम मौके पर हालात परखने के लिए लगायी है. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए सिंचाई विभाग के शारदा सागर खंड के एसडीओ राज कुमार ने बताया कि डैम में हर साल एनुअल रिपेयरिंग कराई जाती है. ग्रामीणों द्वारा जतायी गई आशंका पर संज्ञान लेते हुए टीम को भेज कर रिपेयरिंग का कार्य कराया जा रहा है.
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