रिपोर्ट- वेद प्रकाश
पंतनगर.भारत में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने से जनवरी और फरवरी में होने वाली बरसात इस बार नहीं हुई. बारिश न होने से मौसम में आए परिवर्तन ने उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में फरवरी में गर्मी ने 146 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. फरवरी में मौसम में अचानक हुए परिवर्तन का असर अब आम, लीची सहित कई फलों के पेड़ों पर दिखाई दे रहा है. गर्मी के फलदार वृक्षों में फूल (बौर) जल्दी और ज्यादा आ गए हैं. आम और लीची के पेड़ों पर समय से पहले और ज्यादा फूल आने से जहां एक तरफ किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.
पंतनगर विवि के वैज्ञानिकों ने बताया कि ज्यादा गर्मी के कारण आम, लीची सहित कई पेड़ों पर जल्दी और ज्यादा फूल लगे हैं. लेकिन गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ आंधी तूफान आना का खतरा भी काफी बढ़ गया है. किसानों को चाहिए कि विशेषज्ञों की राय लेकर फलों की बौर पर दवाओं का छिड़काव कर लें, ताकि आंधी तूफान से इन्हें बचाया जा सके.
गर्मी के बढ़ने के साथ आंधी-तूफान आने की आशंका
पंतनगर स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आर के सिंह ने बताया कि इस वर्ष फरवरी में तापमान तीन से पांच डिग्री की बढ़ोतरी हुई है. आम-लीची के पेड़ों पर अच्छी तरह बौर आया है, लेकिन मौसम में आए बदलाव से आने वाले दिनों में गर्मी और अधिक बढ़ने की संभावना है. अगर गर्मी बढ़ेगी तो आंधी तूफान आने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी, जिससे आम और लीची के बौर (फूल) गिरने का खतरा बढ़ जाएगा. इसको कम करने के लिए दवाओं का छिड़काव जरूरी है, जिससे बौर गिरने का खतरा कम हो जाएगा.
इन दवाओं का करें छिड़काव
जय किसान सेवा केंद्र के मालिक हर्ष खुराना ने बताया कि आम और लीची की फसल को बचाने के लिए फूल आने के बाद आईमेक्सो प्लस, इन्नोदा और रस्टकॉन का संयुक्त मिश्रण का छिड़काव किया जाता है. उन्होंने बताया कि आईमेक्सो प्लस 1000 ₹ प्रति लीटर, इन्नोदा 1400 ₹ प्रति लीटर और रस्टकॉन 350 ₹ प्रति लीटर आता है. तीन लीटर के संयुक्त मिश्रण को तीन हजार लीटर पानी के टैंक में डालकर आम और लीची के पेड़ों पर छिड़काव किया जाता है. तीन हजार लीटर पानी का मिक्सर तैयार करने पर एक लीटर पर लगभग एक रुपए से ज्यादा का खर्च आता है.
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