साउथ कोरिया (South Korea) ने अपनी एक रिपोर्ट में नॉर्थ कोरिया (North Korea) को लेकर बड़ा दावा किया है. दक्षिण कोरिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि उत्तर कोरिया ने नशीली दवाओं, साउथ कोरियन मीडिया और धार्मिक गतिविधियों को शेयर करने पर अपने लोगों को मौत की सजा सुनाई है. उत्तर कोरिया का मानना है कि इससे नागरिकों का मानवाधिकारों और स्वतंत्रता प्रभावित होता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया की यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री, जो अंतर-कोरियाई मामलों को संभालता है, उसने 2017 से 2022 तक 500 से अधिक उत्तर कोरियाई लोगों से एकत्र की गई गवाही पर आधारित 450-पेजों की एक रिपोर्ट तैयार की है. ये सभी नॉर्थ कोरिया से भाग गए थे.
मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘उत्तर कोरिया के नागरिकों के ‘जीवन के अधिकार’ राइट पर गंभीर खतरा दिख रहा है. नशीले पदार्थों के अपराध, दक्षिण कोरिया के वीडियो के वितरण, धार्मिक और अंधविश्वासी गतिविधियों सहित कई कृत्यों के लिए व्यापक रूप से फांसी दी जाती है.’
रिपोर्ट में किया गया बड़ा दावा
रिपोर्ट में जेल, शिविरों में लोगों के शोषण, प्रिजन कैंप में कैदियों के अधिकारों के हनन का डिटेल दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां लोगों को सार्वजनिक तौर पर मौत की सजा, यातना और मनमानी गिरफ्तारी की जाती है. हालांकि रॉयटर्स दक्षिण कोरिया की सरकार के निष्कर्षों को किसी भी तौर पर वेरिफाई नहीं किया है, लेकिन उसने संयुक्त राष्ट्र की जांच और गैर-सरकारी संगठनों की रिपोर्ट का हवाला रिपोर्ट में दिया है.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दक्षिण कोरिया अपनी परमाणु ताकत को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. वह नॉर्थ कोरिया की विफलता को उजागर करने की कोशिश में है. वहीं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कहा कि रिपोर्ट ने उत्तर कोरिया के “भयानक” दुर्व्यवहारों के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने लाया है. उनका कहना है कि उत्तर कोरिया परमाणु महत्वाकांक्षाओं के लिए आर्थिक सहायता का ‘एक पैसा का भी हकदार नहीं है’. एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 34,000 उत्तर कोरिया के लोग दक्षिण कोरिया में बस गए हैं, लेकिन सख्त सीमा सुरक्षा नियम के कारण ऐसे लोगों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है.
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