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Pakistan Crisis: भारत के साथ आजाद हुआ पाकिस्तान, 70 साल में तबाही की कगार पर... कैसे पहुंच गया? जानें सब

Pakistan Crisis: भारत के साथ आजाद हुआ पाकिस्तान, 70 साल में तबाही की कगार पर... कैसे पहुंच गया? जानें सब

Pakistan Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) भारत के साथ आजाद हुआ था. फिलहाल वह साल 1947 में अपने गठन के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से जूझ रहा है. वित्तीय संकट के बीच विशेषज्ञों ने देश के दिवालिया होने की चेतावनी दी है. लेकिन सवाल है कि आखिर भारत के साथ आजाद हुआ पाकिस्तान 70 साल में तबाही के कगार पर कैसे पहुंचा?

पिछले साल देश में आई विनाशकारी बाढ़ के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में साठ लाख लोग वर्तमान में गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. (फोटो रॉयटर्स)

पिछले साल देश में आई विनाशकारी बाढ़ के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में साठ लाख लोग वर्तमान में गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. (फोटो रॉयटर्स)

हाइलाइट्स

पाकिस्तान साल 1947 में अपने गठन के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
पेट्रोल पंप पर कारों और मोटरसाइकिलों की लंबी कतारें देखी गई हैं.
वित्तीय संकट के बीच विशेषज्ञों ने देश के दिवालिया होने की चेतावनी दी है.

नई दिल्ली. पेट्रोल पंप के बाहर लंबी कतारें. घंटों-लंबे ब्लैकआउट. भोजन के लिए मारामारी. फिलहाल यह कहानी पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) की है. साल 1947 में पाकिस्तान भारत के साथ आजाद हुआ. लेकिन अपने गठन के बाद से पाकिस्तान अपने सबसे खराब आर्थिक संकट में से एक में डूब गया है. हालांकि पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) द्वारा इस स्थिति से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय लोगों में हताशा पैदा कर रहे हैं. देश में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. यहां तक की सरकार के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं हैं. आइए जानते हैं भारत के साथ आजाद हुआ पाकिस्तान 70 साल में तबाही की कगार पर कैसे पहुंच गया?

TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में वित्तीय संकट के बीच विशेषज्ञों ने देश के दिवालिया होने की चेतावनी दी है. स्थिति यह है कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 4.4 अरब डॉलर का भंडार है, जो बमुश्किल तीन सप्ताह के आयात के लिए पर्याप्त है. हाल ही में केंद्रीय बैंक ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर को बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया, जो 24 सालों में सबसे अधिक है.

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पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें
पाकिस्तान के डॉन अखबार के मुताबिक तेल कंपनियों द्वारा कम आपूर्ति के कारण पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पेट्रोल पंप पर कारों और मोटरसाइकिलों की लंबी कतारें देखी गई हैं. पेट्रोल डीलरों के अनुसार, कंपनियों ने आयात के लिए निजी बैंकों द्वारा ऋण पत्र जारी करने में लंबी देरी के कारण प्रांत को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति में कटौती की गई है. पेट्रोलियम विभाग के शीर्ष अधिकारी इस घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि पाकिस्तान पहले से ही गैस संकट से जूझ रहा है.

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बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट
इस हफ्ते की शुरुआत में, पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से को कई घंटों तक बिना बिजली के छोड़ दिया गया था. क्योंकि शहबाज शरीफ सरकार के ऊर्जा-बचत के उपाय विफल हो गए थे. इससे नागरिकों में दहशत और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. सोमवार के ब्लैकआउट ने स्कूलों, कारखानों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया. पाकिस्तान के 220 मिलियन (22 करोड़) लोगों में से कई लोग पीने के पानी के लिए भी तरस गए थे. क्योंकि बिजली से चलने वाले पंप काम नहीं कर रहे थे. बिजली ज्यादातर बहाल कर दी गई थी, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में मंगलवार को भी बिजली गुल रही.

खाने का अभाव
इस बीच, विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल देश में आई विनाशकारी बाढ़ के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में साठ लाख लोग वर्तमान में गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. बढ़ते वित्तीय संकट से स्थिति और गंभीर हो गई है. पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी देश के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें लोगों को बुनियादी खाद्य पदार्थों के लिए सड़कों पर संघर्ष करते और लड़ते हुए देखा गया है.

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फंसे हुए कंटेनर
ठीक इसी समय खाद्य पदार्थों, कच्चे माल और चिकित्सा उपकरणों के 8,000 से अधिक कंटेनर बंदरगाहों में फंसे हुए हैं, जिससे महंगाई बढ़ रही है, जो पिछले साल जून से 20 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. देश में चिकन, अंडे और आटे की कीमतों में वृद्धि जारी है, भले ही वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है. डॉलर की कमी के कारण आयातक 8,531 से अधिक कंटेनरों की निकासी नहीं कर पा रहे हैं. दूसरी ओर, शिपिंग कंपनियां अब समय पर भुगतान करने में देश की विफलता पर पाकिस्तान के संचालन को निलंबित करने की धमकी दे रही हैं.

IMF बेलआउट
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर जमील अहमद के अनुसार पाकिस्तान जल्द ही आईएमएफ के साथ बातचीत बढ़ने की उम्मीद कर रहा है. पूर्व में अन्य अधिकारियों ने भी IMF से लोन मिलने को लेकर आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक पाकिस्तान को पैसा नहीं मिला है. हालांकि खबर यह भी है कि IMF तब तक पैसा नहीं देगा, जब तक सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं हो जाते.

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Tags: Economic crisis, Pakistan

FIRST PUBLISHED : January 26, 2023, 09:11 IST