पाकिस्तान क्यों थर-थर कांप रहा, किस बात को लेकर दुनियावालों से लगाई गुहार? नूर खान एयरबेस अटैक से कनेक्शन
Pakistan News: पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत के रिस्पांस से पाकिस्तान अभी तक सहमा हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने जिस तरह से आसिम मुनीर की सेना को रगड़ा है, इस्लामाबाद अभी तक उससे बाहर नहीं निकल पा रहा है.
- पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर वेपन की सिक्योरिटी पर कही बड़ी बात
- दुनिया से लगाई गुहार, भारत के परमाणु हथियार को लेकर जताई चिंता
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान ने आसिम मुनीर की उड़ाई नींद
इस्लामाबाद. पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकवादियों का फन कुचला है, उसका असर दशकों तक रहने वाला है. भारत के सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के साथ ही पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भी तबाह कर दिया. नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले से पाकिस्तान की नींद अभी तक उड़ी हुई है, क्योंकि इसी के पास परमाणु हथियार छुपा कर रखा गया है. नूर खान एयरबेस रावलपिंडी में है, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय है. फील्ड मार्शल का तमगा हासिल करने वाले आर्मी चीफ आसिम मुनीर भी यहीं बैठते हैं. यह पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से महज साढ़े 9 किलोमीटर दूर है. पाकिस्तान भारत के प्रचंड प्रहार से इस कदर भयभीत है कि उसने नई दिल्ली के न्यूक्लियर वेपन को लेकर दुनिया से गुहार भी लगा दी है.

भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने अपनी न्यूक्लियर सिक्योरिटी सिस्टम पर पूरा विश्वास जताया और कहा कि उसका कमांड और कंट्रोल स्ट्रक्चर मजबूत और सुरक्षित है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वह अपनी समग्र परमाणु सुरक्षा व्यवस्था की ताकत को पूरी तरह से आश्वस्त है. यह बयान तब आया जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में कहा था कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं हैं और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लाया जाना चाहिए. रक्षा मंत्री की इस टिप्पणी से पाकिस्तान ने कड़ा ऐतराज जताया और पलटवार करते हुए भारत की परमाणु नीति पर सवाल खड़े किए.
पाकिस्तान को अब इस बात का डर
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के परमाणु हथियार को लेकर अधिक चिंतित होना चाहिए. यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्तों में फिर से तनाव देखने को मिल रहा है. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमले किए थे. इन हमलों के जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने भी इन कार्रवाइयों का कड़ा और सशक्त जवाब दिया था. बाद में दोनों देशों के DGMO के बीच 10 मई को हुई बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि ज़मीनी सैन्य कार्रवाई को रोका जाएगा. इसके साथ ही सीमा पर शांति बहाल करने की दिशा में पहला कदम उठाया गया.
पाकिस्तान का न्यूक्लियर ब्लैकमेल
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में बयान दिया था कि भारत पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल को सहन नहीं करेगा और सीमा पार आतंकवाद का सख्ती से जवाब देगा. इन सबके बीच नूर खन एयरबेस पर अटैक के बाद से पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमताओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर वैश्विक मंच पर भरोसा बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. बता दें कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार को लेकर बार-बार सवाल उठते रहते हैं. इंटरनेशनल कम्यूनिटी के साथ ही भारत को भी इस बात की चिंता है कि कहीं पाकिस्तान का परमाणु हथियार कट्टरपंथियों के हाथ न लग जाए. डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने इसी को ध्यान में रखते हुए आईएईए के हस्तक्षेप की बात कही थी.


