Sonia Sahni Shocking Life Story: सोनिया साहनी 60-70 दशक की मशहूर अभिनेत्री रही हैं. उनकी लाइफ काफी उतार-चढ़ाव भरी रही. उनकी पहली फिल्म 'जौहर-महमूद इन गोवा' साल 1965 में आई थी, जिसमें रिता के किरदार में वह पर्दे पर छा गई थीं. अपनी पहली फिल्म के बाद ही वह फिल्मी दुनिया में मशहूर हो गई थीं. सोनिया का असली नाम था ऊषा साहनी, लेकिन फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया.
नई दिल्ली. बॉलीवुड की ऐसी कई अभिनेत्रियां हैं, जिन्होंने अपने जमाने में तो बहुत नाम और शोहरत कमाए, लेकिन गुजरते जमाने के साथ-साथ उनका नाम भी कहीं गुम होता चला गया. आज हम एक ऐसी ही एक्ट्रेस के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो 60-70 दशक के दौरान काफी मशहूर हुई थीं.
सोनिया साहनी (Sonia Sahni) ने 34 साल तक अपनी शानदार अभिनय से लोगों का मनोरंजन किया, लेकिन उनकी रियल लाइफ में भी काफी उचार-चढ़ाव देखने को मिले. सोनिया ने फिल्म 'बॉबी' में ऋषि कपूर की मां का किरदार निभाया था, शायद इससे आप उन्हें जरूर पहचान जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सोनिया का परिवार सिख था, लेकिन पार्टिशन के बाद उनके मां-पिता ने धर्म बदलकर ईसाई धर्म अपना लिया था. सोनिया का असली नाम था ऊषा साहनी, लेकिन फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया. इसका परिवार पाकिस्तान से ताल्लुक रखता था, पिता लाहौर से और मां पेशावर से थीं और पार्टिशन के बाद पूरा परिवार भारत के कश्मीर में आकर बस गया था. सोनिया के जमाने में जब एक्टर और एक्ट्रेस के बीच कोई रोमांस सीन क्रिएट किए जाते थे, तो उस सीन को पर्दे पर छुपाने के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं, सोनिया ने अपनी पहली फिल्म में आईएस जौहर को किसिंग सीन दिया था, जिसके बाद वह काफी चर्चा में आ गई थीं, और वह 'किसिंग गर्ल' नाम से मशहूर हो गई थीं.
उन्हें आखिरी बार साल 1999 में आई फिल्म 'फुल और आग' में देखा गया था. बताया जाता है कि जब उनका करियर पिक पर था, उसी दौरान उनका दिल शिव पलिताना पर आ गया था, जो ब्रिटिश राज के दौरान मशहूर पलिताना रियासत के राजकुमार थे. उनका पूरा नाम शिवेंद्र सिंह गोयल था. रिपोर्ट्स की माने तो सोनिया ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर शिव पलिताना से शादी रचाई. बता दें, शिव पहले से शादीशुदा थे और सोनिया से शादी से पहले उनका एक बच्चा भी था.
शिव पलिताना से शादी के बाद सोनिया एक एक्ट्रेस के साथ-साथ एक राजमाता भी बन चुकी थीं. वह अपनी जिंदगी में बेहद खुश थीं, लेकिन 1990 में उनके पति का निधन हो गया और फिर उनकी जिंदगी काफी उथल-पुथल भरी हो गई. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पति का जाना किसी श्राप से कम नहीं था, क्योंकि पति की मौत के बाद शिव के परिवार वाले उनसे नफरत करने लगे थे और फिर सोनिया मेंटली चैलेंज बच्चों के स्कूल में समय बिताना शुरू कर दिया था.
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