Aghori and Black Magic Centers - भारत में कई तरह की पूजा और साधना पद्धति के लिए जाना जाता है. इन्हीं में काला जादू, तंत्र-मंत्र और अघोर साधना भी आते हैं. इन साधनाओं के लिए साधक देश के चुनिंदा शहरों में जाते हैं. यही नहीं, बड़ी संख्या में अपनी समस्याओं का इलाज खोजने वाले लोग भी इन शहरों तक पहुंचते हैं.
भारत सदियों से अलग-अलग साधना पद्धतियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध रहा है. देश में हर व्यक्ति अपने मनमुताबिक साधना पद्धति चुनने के लिए आजाद है. कुछ लोग मांत्रिक साधना करते हैं तो कुछ लोग तांत्रिक साधना को अपनाते हैं. देश में कहीं साधु संन्यासी मिलेंगे तो कहीं काले जादू के जानकार. कहीं, अघोरी बाबा मिलेंगे तो कहीं नागा साधु. साधक ही नहीं, आम लोग भी इनके पास अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए पहुंच जाते हैं. आज जानते हैं कि काले जादू, तांत्रिक क्रियाओं और अघोर साधना के साधक देश में कहां-कहां मिलते हैं.
कामाख्या देवी मंदिर के बाद वाराणसी के मणिकर्णिका घाट को अघोर, तंत्र या काले जादू की साधना का बड़ा केंद्र माना जाता है. मणिकर्णिका घाट पर साधना में जुटे कई अघोरी बाबा आपको आसानी से दिख जाएंगे. कहा जाता है कि वे अपनी साधना के दौरान शवों को खाते हैं. खोपड़ी में पानी पीते हैं. माना जाता है कि इससे उनकी शक्तियों में तेजी से इजाफा होता है. मणिकर्णिका घाट पर गुप्त रूप से काला जादू भी किया जाता है. बता दें कि भारत में काले जादू की क्रियाएं करने पर पूरी तरह से पाबंदी है. फिर भी लोग समस्याओं से निजात पाने को इसका सहारा लेते हैं.
मणिकर्णिका घाट के बाद ओडिशा की कुशाभद्र नदी के घाटों पर अक्सर इंसानी खोपड़ियों और दूसरे अंगों की हड्डियां मिल जाती हैं. दरअसल, कुशाभद्र नदी के सुनसान पड़े घाटों पर सबसे ज्यादा काला जादू किया जाता है. घाटों पर ही नहीं, सुनसान किनारों पर भी अक्सर लोग तांत्रिक और काले जादू की क्रियाएं करते हुए दिख जाते हैं.
बनारस के मणिकर्णिका घाट की ही तरह कोलकाता का निमतला घाट भी काले जादू के लिए पहचाना जाता है. यहां भी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाता है. बताया जाता है कि पूरी तरह से सन्नाटा होने के बाद आधी रात को अघोरी साधनाएं करने वाले लोग निमतला घाट पर आते हैं और जल रहे शवों का मांस खाते हैं. वे यहां भोर होने से पहले तक बैठकर साधना करते हैं.
असम का मायोंग गांव सदियों से काले जादू के लिए पहचाना जाता है. कहा जाता है कि इस गांव में आने से मुगलों और अंग्रेजों को भी डर लगता था. इस गांव में काले जादू से जुड़ी कई कहानियां सुनी-सुनाई जाती हैं. इस गांव के ज्यादातर लोग काले जादू में माहिर माने जाते हैं. गांव के लोगों का मानना है कि उन्हें काले जादू की शक्ति वरदान में मिली है और सदियों से एक से दूसरे में चलती आ रही है.
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