लोकसभा में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपने चिर परिचित अंदाज में नजर आए. करीब डेढ़ घंटे चले उनके भाषण में हास्य भी था और विपक्षी कांग्रेस के लिए कटाक्ष भी. उनके पूरे भाषण के दौरान नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी सांसद स्वागत घोष की लगातार चल रही टोका-टाकी के बावजूद उन्होंने न ही अपना सब्र और न ही आपा खोया. मंहगाई से लेकर स्टार्ट अप्स पर बातें की. आत्मनिर्भर भारत के लिए तमाम विपक्षी नेताओं को साथ मिल कर काम करने को कहा. साथ ही ये बात भी साफ कर दी कि विकास की जो नींव उनकी सरकार ने डाली है, वो अगली पीढ़ी जानेगी, जब पूरा देश 2047 में आजादी के 100 साल मना रहा होगा.
पीएम मोदी ने अपना भाषण शुरु किया ही था कि नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी की टोका-टाकी शुरु हो गई. पहले तो पीएम मोदी अधीर चौधरी के अपनी जगह पर खड़े होने के बाद अपनी सीट पर ये कह कर बैठ जा रहे थे कि लोकतंत्र है आपको जो भी बोलना है कह सकते हो. पीएम ने अधीर चोधरी पर कटाक्ष भी किया कि जिन्हें बोलना होता है वो बोल के चले जाते हैं और सरकार के हमलों को झेलना बाकी कांग्रेस के सांसदों को पड़ता है. इशारा साफ राहुल गांधी की ओर था, जिन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की थी और जम कर सरकार और सरकार के दावों पर निशाना साधा था. लेकिन आज जब पीएम मोदी को बोलना था तो वो सदन में नहीं थे. आलम ये था की पीएम अधीर चौधरी की लगातार टोका-टाकी को नजरअंदाज करते-करते उसे बचकाना भी करार दे दिया.
निशाने पर रही कांग्रेस
पीएम मोदी का इरादा साफ था. उन्होंने कांग्रेस के पूरे इतिहास को खंगालते हुए उनके गरीबी हटाओ के नारे की भी धज्जियां उड़ा दीं. पीएम ने कहा कि 1971 से शुरु कर अगले 4 दशकों तक कांग्रेस गरीबी हटाओ के नारे पर देश की गरीब जनता को मूर्ख बनाती रही, लेकिन जब जनता समझ गई तो उन्होंने कांग्रेस को ही हटा दिया. अब वो देश भऱ की जनता का इतना भरोसा खो चुके हैं कि लोकसभा में 44 सीटों पर सिमट चुके हैं और ज्यादातर राज्यों से नामोनिशान तक मिट चुका है. पीएम मोदी ये कहने से भी नहीं चुके कि कांग्रेस का एक ही एजेंडा है – मोदी विरोध. इसलिए, वो सुबह से शाम मोदी-मोदी जपते रहते हैं. लेकिन देश की जनता अब उनके झांसे में नहीं आने वाली.
मंहगाई पर मोदी सरकार संवेदनशील
पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर भी जम कर सरकार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि दो अंकों वाली मंहगाई उन्हें यूपीए सरकार से विरासत में मिली थी. पीएम ने सदन को बताया कि पिछले 8 सालों से ये 5 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ी है. उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यूपीए के दौरान उनके वित्त मंत्री ही कहते थे कि वो मंहगाई को काबू में नहीं कर सकते. यहां तक कि पीएम मोदी ने पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के लाल किले पर दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरु ने तब लाल किले की प्राचीर से कहा था कि कोरिया में लड़ाई चल रही है, इसके चलते मंहगाई बढ़ी. साथ ही अमेरिका के कारण भी मंहगाई काफी बढ़ जाती है. इसलिए तुरंत उस पर काबू पाना संभव नहीं. कटाक्ष साफ था कि तब भी मंहगाई के पीछे विदेशी हाथ का जिक्र होता था. पीएम मोदी का ये हमला कांग्रेस सांसदों को काफी झटके दे गया. तब पीएम ने दो टूक कहा कि उनकी सरकार मंहगाई को लेकर बहुत संवेदनशील है और उसे काबू में रखने के लिए हर संभव उपाय करती आई है.
कोरोना को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने विपक्ष को याद दिलाया कि कोरोना से जंग की शुरुआत ही हुई थी कि कांग्रेस ने नेताओं ने सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी. पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता गरीब आप्रवासी मजदूरों को खाना पानी देने के बजाए उन्हें मुफ्त टिकट देकर उनके गांव वापस भेजने में लगे थे, तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार भी झुग्गी बस्तियों में रह रहे गरीब लोगों को उनके गांव वापस जाने के लिए प्रचार कर रही थी. विपक्ष का साथ होता तो ये बीमारी पंजाब और दूसरे राज्यों में इतनी तेजी से नहीं फैलती. पीएम मोदी ने सदन को बताया कि आज भारत ने दुनिया में सबसे पहले कोरोना का टीका बनाया और कोरोना के टीकाकरण में दुनिया में सबसे आगे भी है. कोरोना से लड़ाई जारी है, इसलिए सब मिल कर साथ लड़े तो देश का फायदा होगा.
स्टार्ट अप अब बन रहे हैं यूनीकार्न, इन उद्दोगपतियों का सम्मान होना चाहिए
पीएम मोदी का दावा है कि अब देश भर में लगभग 7000 यूनीकार्न बन गई हैं और ये ही कंपनियां आने वाले दिनों में मल्टी नेशनल कंपनी बनेंगी. पीएम ने इस बात पर दुख जताया कि इन्ही स्टार्ट अप्स का कांग्रेस उपहास करती है और उन पर सवाल उठाती है. आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में ये बहुत बड़ा कदम है. ये न सिर्फ रोजगार के अवसर मुहैया करा रहीं हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा मे एक बड़ा कदम भी बढ़ा रहीं हैं. इसलिए विपक्ष को ये मोदी का मिशन नहीं, देश के विकास का मिशन समझ कर उनका साथ देना चाहिए. समय ये नहीं है कि मोदी विरोध के नाम पर उनका विरोध करो, बल्कि उनका सम्मान भी करो, क्योंकि ये युवा स्टार्टअप ही कल की मल्टीनेशनल कंपनियां हैं. इसलिए इनका सम्मान देश का भी सम्मान होगा. पीएम मोदी ने सदन को बताया कि कैसे उनकी सरकार ने रक्षा सौदों से दलाली खत्म की और कलपुर्जो से लेकर रक्षा तंत्र मे इस्तेमाल होने वाले हर सामान को भारत में बनाने की शुरुआत कर दी है. इस मेक इन इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से हम आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. कांग्रेस को इसका विरोध नहीं करना चाहिए.
विपक्षी कांग्रेस को याद दिलाया उनका कर्तव्य
विष्णु पुराण का जिक्र भी पीएम मोदी ने किया और साथ ही राष्ट्रकवि सुब्रमण्यम भारती का भी. विष्णु पुराण का जिक्र करते हुए बताया कि पुराणों में भी लिखा है बर्फ से भरे पहाड़ों के दक्षिण और समुद्र के उत्तर में मौजूद इस देश को भारत कहते हैं और यहां रहने वाले लोग भारतीय. सुब्रमण्यम भारती की कविता तमिल में पढ़ी और तमिल साथियों से माफी भी मांगी कि अगर उच्चारण में कोई गलती हो जाए तो उन्हें माफ कर दें. राष्ट्रकवि का जिक्र कर उन्होंने बताया – उपनिषदों में भी भारत का जिक्र है और साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए. पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के भाषण का जिक्र करके भी उन्होंने कांग्रेस को बताया कि लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार तो है, लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करना नहीं भूलें.
अब तक किसी प्रधानमंत्री का कार्यकाल में ऐसा नहीं देखा था कि जब सदन में पीएम बोल रहे हों तो विपक्ष किसी भी तरह की टोका-टाकी करता रहा हो. लेकिन पीएम मोदी के सदन में भाषण में ये हर बार देखा जा रहा है कि विपक्ष लगातार टोका-टाकी करता रहता है. इस बार बीजेपी सांसदों ने भी कोई शोर नहीं मचाया और विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश नहीं की. लेकिन पीएम जानते हैं कि पूरा देश देख रहा है, इसलिए बिना आपा खोए लोकसभा में अपनी बात रखने से नहीं चूके.
अमिताभ सिन्हा News18 India के एक्जिक्यूटिव एडिटर हैं. प्रिंट और टीवी पत्रकारिता में पच्चीस साल से ज्यादा का अनुभव है. पटना 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से करियर की शुरुआत की और 'आज तक' में तकरीबन 14 साल तक रिपोर्टिंग की. सात साल से नेटवर्क 18 से जुड़े हुए हैं. हिंदी और अंगरेजी भाषाओं में समान अधिकार से लिखने वाले अमिताभ सिंहा ने देश -विदेश के बहुत से महत्वपूर्ण आयोजनों और घटनाओं की रिपोर्टिंग की है. संसदीय पत्रकारिता का लंबा अनुभव है, साथ ही सरकार की नीतियों और योजनाओं पर खास पकड़ रखते हैं. News18 की हिंदी और अंगरेजी दोनों भाषाओं की वेबसाइट पर लगातार लिखते रहते हैं. उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की है.
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