क्रिकेट हो या कोई दूसरा खेल, नए नियम का आना जरूरी है. इससे ना केवल खेल में रोमांच आता है, बल्कि इसकी लोकप्रियता में भी इजाफा होता है. 2007 में हुए पहले टी20 वर्ल्ड कप की बात करें, तो मैं टीम इंडिया का कोच था. उस समय बॉल आउट का नियम नया आया था और इसके बारे में किसी को नहीं पता था. पाकिस्तान के खिलाफ हमारा पहला ही मैच टाई भी हो गया था. हमने इसके लिए पहले से प्रैक्टिस की थी. यह फुटबॉल की पेनल्टी की तरह था और अंत में हमें सफलता भी मिली. अब आईपीएल 2023 के 16वें सीजन में इंपैक्ट प्लेयर के नियम (IPL new rule Impact Player) से कोच के अलावा टीम मैनेजमेंट का सिरदर्द बढ़ने वाला है.
आईपीएल के दौरान हमें इसके अलावा एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. कई बार गेंदबाज वाइड यॉर्कर गेंद का इस्तेमाल करते हैं. इसमें वाइड को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन इस बार इस पर भी डीआरएस लिया जा सकेगा. टीमों को अब टॉस के बाद प्लेइंग-11 घोषित करना होगा. ऐसे में वे पहले गेंदबाजी या बल्लेबाजी के हिसाब से खिलाड़ियों को शामिल कर सकेंगी. इससे टीम के अलावा फैंस के बीच भी उत्सुकता रहेगी कि किसे बाहर किया जा रहा है और किस खिलाड़ी को मौका मिल रहा है.
अब बात आती है इंपैक्ट प्लेयर कौन होगा और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा. तो इसे ऐसे आसानी से समझा जा सकता है. यह ऐसा खिलाड़ी होगा, जो गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी भी कर सकेगा. यानी उस पर किसी तरह की रोक नहीं होगी. टॉस के बाद दाेनों ही टीमों को प्लेइंग-11 के साथ 4 सब्सिट्यूट खिलाड़ी के नाम बताने होंगे. इनमें से ही किसी एक का इस्तेमाल इंपैक्ट प्लेयर की तरह किया जा सकेगा, लेकिन इस तरह से खिलाड़ी को टीमें कब मैच में उतार सकती हैं. यह भी रोचक रहने वाला है. उसका मैच में कभी भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
इंपैक्ट प्लेयर (What is Impact Player) के लिए एक खास शर्त भी है. हर पारी के 14वें ओवर से पहले ही इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. लेकिन अगर बारिश या किसी दूसरे कारणों से मैच 10 ओवर्स से कम का हो जाता है, तो यह नियम लागू नहीं होगा. ऐसा खिलाड़ी मैच में पूरे 4 ओवर गेंदबाजी कर सकेगा. हालांकि उसे यदि बीच के ओवर में लाया जाता है, तो उसे बीच के ओवर्स में गेंदबाजी नहीं मिल सकेगी. बीसीसीआई ने पिछले दिनों सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी इसका इस्तेमाल किया था.
इंपैक्ट प्लेयर में विदेशी खिलाड़ियों के लिए खास नियम हैं. अगर कोई टीम प्लेइंग-11 में 4 विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करती है, तो इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर सिर्फ भारतीय खिलाड़ी को ही मौका मिल सकेगा. अगर टीम ने प्लेइंग-11 में 3 या उससे कम विदेशी रखे हैं, तो वे उन्हें इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगी.
इसके अलावा मैच के दौरान विकेटकीपर या कोई खिलाड़ी गेंद फेंके जाने के दौरान इधर-उधर जाकर या बैटर को धोखा देने की कोशिश करता है, तो अंपायर उसे डेड बॉल दे सकता है. इतना ही नहीं बैटिंग करने वाली टीम के स्काेर में 5 रन जोड़ भी दिए जाएंगे.
इसके अलावा इस बार समय पर पूरे 20 ओवर का कोटा पूरा नहीं करने पर भी टीमों को झटका लगेगा. नियमित समय के बाद जितने भी ओवर डाले जाएंगे, उस दौरान फील्डिंग टीम के 4 खिलाड़ी ही 30 यार्ड सर्किल के बाहर रह सकेंगे. सामान्य तौर पर पावरप्ले के बाद 5 फील्डर सर्किल के बाहर रखे जा सकते हैं. वाइड के अलाव नोबॉल पर भी डीआरएस लिया जा सकेगा.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच. 1985 से 1987 तक भारत के लिए खेल चुके लालचंद राजपूत फिलहाल जिम्बाब्वे के कोच हैं.
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